पश्चिमी एवं हिन्दू संस्कृति में भेद !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टर जयंत आठवले

‘पश्चिमी संस्कृति स्वेच्छा को प्रोत्साहित करनेवाली व्यक्तिगत स्वतंत्रता का समर्थन करती है और दुख को निमंत्रण देती है, जबकि हिन्दू संस्कृति स्वेच्छा नष्ट कर सत-चित-आनंद अवस्था कैसे प्राप्त करें, यह सिखाती है ।’

– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टर जयंत आठवले