सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘विज्ञान में अधिकांशतः पूर्ववत कुछ ज्ञात नहीं होता, इसलिए शोध करना पडता है । इसके विपरीत अध्यात्म में सब पूर्व ज्ञात होने के कारण, शोध नहीं करना पडता ।’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले
‘विज्ञान में अधिकांशतः पूर्ववत कुछ ज्ञात नहीं होता, इसलिए शोध करना पडता है । इसके विपरीत अध्यात्म में सब पूर्व ज्ञात होने के कारण, शोध नहीं करना पडता ।’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले