सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘भारत विगत ९०० वर्षों से परतंत्र था । इस कारण हिन्दुओं की अनेक पीढ़ियां दासता (गुलामी) में बीती हैं । मन से दासता का यह विष नष्ट करने के लिए हिन्दू राष्ट्र की (ईश्वरीय राज्य की) स्थापना करने के लिए दिन रात प्रयास करना आवश्यक है । ऐसा करने पर ही चार पांच पीढ़ियों में राष्ट्र एवं धर्म के विषय में हिन्दुओं में अभिमान जागृत होगा ।’-
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले