सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘अन्य देशों का इतिहास अधिकतम दो-तीन सहस्र वर्षों का है, जबकि भारत का लाखों वर्षों का, युगों-युगों का है । यह पाठशाला में नहीं सिखाया जाता । मुगल एवं अंग्रेजों द्वारा भारत पर किए शासन का इतिहास सिखाया जाता है; परंतु उसमें भी यह नहीं सिखाया जाता कि ‘ऐसी स्थिति क्यों आयी तथा पुनः ऐसा ना हो, इसके लिए क्या करना चाहिए। ‘स्वतंत्रता से लेकर आज तक के शासन कर्ता इसके लिए उत्तरदायी हैं । हिन्दू राष्ट्र में ही यह चूक सुधारी जाएगी ।
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले