मुंबई – शास्त्रज्ञों ने चेतावनी दी है कि आगामी २७ वर्षाें में विश्व का सर्व अनाज समाप्त हो जाएगा ।
१. २४ अप्रैल २०२२ से वैज्ञानिकों ने सजीव सृष्टि की मृत्यु के दिन की गिनती आरंभ की है । जिसमें वैज्ञानिकों ने ऐसा दावा किया है कि ‘‘पृथ्वीवासियों के पास अब केवल २७ वर्ष और २५१ दिन शेष हैं ।’’
Earth to run out of food in 27 years — data – https://t.co/UUengEO2rS https://t.co/PseUTKI083
— The Edge Malaysia (@theedgemalaysia) April 25, 2022
२. शास्त्रज्ञ एडवर्ड विल्सन ने कहा है, ‘‘यदि मनुष्य के अन्न की मांग पूर्ण करनी हो, तो हमें इसके अतिरिक्त और २ पृथ्वीओं की आवश्यकता लगनेवाली है । पृथ्वी पर अनाज उगाने की एक सीमा है । यदि विश्व का प्रत्येक मानव शाकाहारी बन जाए, तब भी मनुष्य की आवश्यकताओं की आपूर्ति के लिए विश्व के किसान एवं उनकी भूमि इतनी बडी मात्रा में अनाज नहीं उगा सकेगी । आगामी काल में विश्व की जनसंख्या में भयंकर वृद्धि होगी । इसलिए प्रत्येक मनुष्य के भोजन की मांग की आपूर्ति नहीं की जा सकेगी । आगामी २७ वर्षाें में विश्व की जनसंख्या १० बिलियन अर्थात १ सहस्र करोड से अधिक होगी । अन्न की मांग के संदर्भ में कहें तो वर्ष २०१७ की तुलना में इस संख्या में ७० प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना है ।
Food Shortage in The World: Scientists Warn That Humans Will Run Out Of Food In 27 Years Food Shortage On Earth Cause- Food Crisis : अगले 27 साल में खत्म हो जाएगा खाना, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी- अभी नहीं जागे तो हो जाएगा ‘अनर्थ’ https://t.co/VhLDYoOVSz
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३. तज्ञों का कहना है कि ‘‘बढती जनसंख्या और अनाज के उत्पादनों की आंकडेवारी से निष्कर्ष निकाला है । इसके अनुसार गत ८ सहस्र वर्षाें में मानवी ने कभी भी न किया हो, इतने अनाज का उत्पादन आगामी ४० वर्षाें में मनुष्य को करना पडेगा । पृथ्वी १ सहस्र करोड नागरिकों को भोजन दे सकेगी; परंतु उसके उपरांत पृथ्वी पर भार बढने की प्रक्रिया का आरंभ होगा । मनुष्य आवश्यकता से अधिक अन्न सेवन कर रहा है और तो और अन्न की खराबी भी कर रहा है । इसलिए अनाज की निर्मिति के लिए पृथ्वी पर दबाव बढता जाएगा । यदि पृथ्वी पर के सर्व नागरिक शाकाहारी बने, तो ही अधिक जनसंख्या को अन्न मिल सकेगा । उदाहरणार्थ, मकई की तुलना में मांस का उत्पादन करने में ७५ से अधिक गुना ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है । वर्ष २०५० तक विश्व के सर्व देशों में अनाज की कमतरता अनुभव होगी ।