बेंगळूरु (कर्नाटक) – यहां की क्लेरेन्स हाइस्कूल व्यवस्थापन द्वारा आदेश दिया है कि विद्यार्थियों को पाठशाला में बाइबल लाना अनिवार्य है । पाठशाला के इस निर्णय का हिन्दू संगठनों ने विरोध करना आरंभ किया है । इस विवाद पर पाठशाला का कहना है कि ‘बच्चों को पवित्र ग्रंथ की अच्छी बातें सीखने मिलती हैं ।’ (बच्चों को पवित्र ग्रंथ की अच्छी बातें सिखाने में किसी का भी विरोध नहीं है । यहां प्रश्न यह उठता है कि पाठशाला नेहिन्दुओं के भी पवित्र ग्रंथ की अच्छी बातें सिखाने का निर्णय क्यों नहीं लिया ? पाठशाला के पास केवल बाइबल यह एक ही पुस्तक है, जबकि हिन्दुओं के पास अनेक धर्मग्रंथ उपलब्ध हैं, जिससे बच्चों पर सुसंस्कार अंकित हो सकते हैं ! – संपादक)
Bengaluru based Clarance High School made mandatory learning bible to non christian students which is against to constitution.
We demand govt should take strict action against Clarance High School@BCNagesh_bjp@HinduJagrutiOrg@punarutthana@OpIndia_comhttps://t.co/hjxfjDvwSy
— 🚩Mohan gowda🇮🇳 (@Mohan_HJS) April 25, 2022
क्लेरेन्स हाइस्कूल प्रशासन ने विद्यार्थियों के अभिभावकों द्वारा एक निवेदन पर स्वीकृति ली है कि वे अपने बच्चों को पाठशाला में बाइबल लाने में आपत्ति नहीं जताएंगे । इस पर हिन्दू संगठनों ने कहा है कि ‘यह निर्णय अर्थात शिक्षा कानून का उल्लंघन है ।’
(सौजन्य : Tv9 Kannada)
हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा विरोध
After the issues of demanding a ban on Halal meat, a ban on Muslim vendors outside temples & campaign against buying fruits from Muslims, now the Hindu Janajagruti Samithi has come up with new allegations targeting Christian institutions.
My article👇https://t.co/96fHE3XJlS
— Sagay Raj P || ಸಗಾಯ್ ರಾಜ್ ಪಿ (@sagayrajp) April 23, 2022
हिन्दू जनजागृति समिति के राज्य प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा ने कहा है कि ‘‘पाठशाला गैरईसाई विद्यार्थियों को बाइबल पढने के लिए अनिवार्य कर रही है ।’’
संपादकीय भूमिका
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