चीन की इस खुराफात को देखते हुए भारत को भी उसे जैसे को तैसा भाषा में उत्तर देना चाहिए ! – संपादक
नई दिल्ली – चीन के हैकर्स ने (दूसरों के कम्प्यूटर में अवैध ढंग से घुसकर उसमें बदलाव करने वालों ने) उत्तर भारत में लद्दाख और आसपास में विद्युत वितरण व्यवस्था की कम्प्यूटर प्रणाली में घूसखोरी करने का प्रयास किया है । ‘रेकॉर्डेड फ्यूचर’ इस सायबर सुरक्षा क्षेत्र में काम करने वाली संस्था की रिपोर्ट से यह घटना सामने आई है । इसके पहले चीन की ‘रेडइको’ इस नाम के एक हैकर्स ग्रुप ने ऐसी ही घूसखोरी करने का प्रयास किया था । अब इस समय ‘टैग-३८’ इस नाम के एक हैकर्स ग्रुप ने ‘शेडोपेड’ नाम के साफ्टवेयर का प्रयोग करते हुए विद्युत केंद्र में प्रयोग किए जाने वाले कम्प्यूटर प्रणाली में घूसखोरी करने का प्रयास किया । ऐसी घूसखोरी करते हुए राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया तक पहुंचने का, घूसखोरी कर जानकारी पाने का प्रयास करने की जानकारी सामने आ रही है ।
‘रेकॉर्डेड फ्यूचर’ की रिपोर्ट के अनुसार चीनी हैकर्स उत्तर भारत में ७ विद्युत लोड नियामक केंद्रों पर नजर रखे हुए हैं । इन विद्युत लोड शेडिंग केंद्रों के माध्यम से भारत-चीन सीमा के पास के क्षेत्रों में जनरेटरों को बिजली का विनिमय और वितरण करते हैं । विशेषता यह है कि इन सायबर आक्रमणों के लिए इसके पहले चीनी सेना की ओर से प्रयोग किए जाने वाला शेडोपेड यह सॉफ्टवेयर प्रयोग किया जा रहा है ।
चीन की ओर से अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं !
इस संबंध में चीनी विदेश मंत्रालय को पूछने पर उसने कोई भी उत्तर नहीं दिया । चीन की ओर से इसके पहले भी इस प्रकार के सायबर आक्रमणों में सहभागी होने का आरोप नकारा गया है । अभी तक केंद्र शासन ने भी इस संबंध में कोई भी आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है ।