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हरिद्वार (उत्तराखंड) – ऋषिकेश के निर्वाणी आखाडे के चिदानंद मुनि के आश्रम में मुसलमानों द्वारा नमाजपठन की घटना उजागर हुई है । इसलिए हरिद्वार के संतों ने चिदानंद मुनि का निषेध किया है । हरिद्वार के शांभवी आश्रम के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप कीकी अध्यक्षता में संतों ने बेबैठक में चिदानंद मुनि का विरोध किया ।
संतों की भेंट के उपरांत स्वामी आनंद स्वरूप ने पत्रकारों से संवाद करते हुए कहा, कि ‘चिदानंद मुनि ने पवित्र गंगाजी को प्रदूषित किया है । इसलिए हरिद्वार के संत उन्हें क्षमा नहीं करेंगे । ऐसे संतोंो द्वारा किया गया कार्य धर्म के विरुद्ध में होता है, यह कहते हुए काली सेना ने उनको निर्वाणी आखाडे से निकाल देने का परामर्श दिया है ।’
काली सेना के विनोद गिरी महाराज ने इस घटना का निषेध करते हुए कहा है, कि ‘हिन्दुओं के विरुद्ध काम करनेवाले किसीकोई भी व्यक्ति अथवा संत को काली सेना छोडेगी नहीं । जो संत सनातन धर्म एवं संस्कृति का अनादर करते हैं, उनका बहिष्कार कर उनका मुंह काला किया जाएगा ।’