‘महाविद्यालय पढाई तथा हिजाब इनमेसे एक चुननेपर बाध्य कर रहा है !’, – नोबल शांतता पुरस्कार विजेती मलाला युसूफजई

  • इस्लामनुसार आचरण न करने के कारण तालिबानने मलालापर गोली चलाईथी, यह बात वह कैसे भूल सकती है? ऐसी कट्टरता एवं धर्मांधता अब वह कैसे चला लेती है? कर्नाटक भारत मे है, तालिबानी अफगाणिस्तान मे नही, यह उसे हमेशा याद रखना चाहिए तथा भारत के मामलों मे उसे हस्तक्षेप नही करना चाहिए !  – संपादक
  • यदि कर्नाटक की मुस्लीम छात्राओं को नियम तोडकर महाविद्यालयों मे हिजाब पहनना है, तो वे तालिबानी अफगाणिस्तान मे चलती बने, यदि ऐसा किसी राष्ट्रप्रेमी तथा नियमों का पालन करनेवाले किसी भारतीय ने कहा, तो क्या वह गलत होगा ?  – संपादक

नई देहली – नोबेल शांतता पुरस्कार विजेती तथा मानवाधिकार कार्यकर्ती मलाला युसूफजई ने कर्नाटक मे चल रहे हिजाब के संदर्भ मे वक्तव्य किया है। मलाला ने ट्वीट किया है कि, महाविद्यालय हमे पढाई या हिजाब इन मे से एक चुननेपर बाध्य कर रहा है। लडकियों को उनके हिजाब मे पाठशालाओं मे प्रवेश करने से मना किया जा रहा है, यह चिंताजनक है। छोटे या अधिक कपडे पहनने से महिलाओं की वस्तुनिष्ठता पर आक्षेप लिया जा रहा है। मुस्लीम महिलाओं को हीन समझना भारतीय नेताओं को रोकना चाहि्ए।