असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का विश्वास !
वर्तमान काल में इस प्रकार का विश्वास रखने वाले सरमा को शुभकामनाएं; केवल असम में ही नहीं, तो संपूर्ण देश में पिछले ७४ वर्षों में ऐसी स्थिति निर्माण नहीं हो सकी, यह सभी पार्टियों के शासनकर्ताओं के लिए लज्जास्पद है, यह भी उतना ही सत्य है ! – संपादक
दिब्रुगड (आसाम) – संपूर्ण विश्व में बदलाव हुए हैं । अब अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों को (वी.आई.पी. को) सुरक्षा अच्छी नहीं लगती । मैं बिना सुरक्षा के जिले में किसी स्थान पर जा सका और लोगों से बात कर सका अथवा घूम सका, तब मुझे अच्छा लगेगा; यदि मुझे कमांडो ने घेर रखा है, तो मेरे जिले की कानून और सुव्यवस्था अच्छी नहीं, ऐसा मुझे लगता रहेगा । अगले २-३ वर्षों में राज्य में मुझे ऐसी स्थिति लानी है कि, असम में किसी को भी सुरक्षा नहीं लगेगी, ऐसा विधान असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने यहां किया । दिब्रुगड जिले के दुलियाजन में ‘ऑयल इंडिया’ के मुख्यालय में आयोजित सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों की दूसरी परिषद का उद्घाटन करते समय मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने यह विधान किया । मुख्यमंत्री सरमा की यह परिषद पूरे १८ घंटे चली और भोर में ४ बजे समाप्त हुई ।
Giving PSO to an individual means it’s a failure of the police, Assam CM @himantabiswa said. (By @hemantakrnath)https://t.co/p3N0hfpE8Q
— IndiaToday (@IndiaToday) January 4, 2022
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि, राज्य में कानून और सुव्यवस्था अच्छी होगी, तो लोगों को व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (पी.एस.ओ. -पुलिस स्टैंडिंग ऑफिसर) नियुक्त करने की आवश्यकता क्या है ? किसी व्यक्ति को पी.एस.ओ. देना अर्थात पुलिस की असफलता है । वी.आई.पी. अथवा किसी को भी खतरा निर्माण करने वाला कोई भी गुनहगार, अपराधी आपके जिले में प्रवेश नहीं कर सकता, इसकी निश्चिति करें, पी.एस.ओ. न दें, ऐसा आदेश सरमा ने पुलिस को दिया ।