संगीत क्षेत्र के मान्यवरों की केंद्रीय नागरिक उड्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से प्रार्थना
मुख्यता ऐसी प्रार्थना क्यों करनी पडती है ? केंद्र सरकार को इसके लिए नियम बनाना आवश्यक है । अभी तक के सभी पार्टी के शासनकर्ताओं द्वारा ऐसा न किया जाना, यह लज्जास्पद है ! – संपादक
नई दिल्ली – भारतीय विमान कंपनियों के विमानों में पाश्चात्य संगीत के स्थान पर भारतीय संगीत को प्रधानता दें, ऐसी प्रार्थना देश के प्रसिद्ध गायक और संगीतकारों ने केंद्रीय नागरिक उड्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भेंट कर की । इस समय इस मांग पर सिंधिया ने तुरंत कोई आश्वासन नहीं दिया; लेकिन, ‘जयपुर में प्रतिवर्ष साहित्य प्रेमियों के लिए ‘लिट फेस्ट’ मनाया जाता है, उसी अनुसार संगीत क्षेत्र के मान्यवरों को एकत्रित आकर देशभर संगीत महोत्सव मनाना चाहिए’, ऐसी सूचना उन्होंने दी । इस भेंट में पं. संजीव अभ्यंकर, पं. शौनक अभिषेकी, उस्ताद वसीफुद्दीन डागर, पद्मश्री रिटा गांगुली, गायिका मंजुषा कुलकर्णी-पाटिल, संगीतकार अन्नू मलिक, संगीतकार-गायक कौशल इनामदार आदि संगीर क्षेत्र के मान्यवर उपस्थित हुए थे ।
ICCR demands compulsorily playing Indian music on Indian flights
Read @ANI Story | https://t.co/oWfhqlfOHo#IndianMusic #ICCR pic.twitter.com/BmNh7VlEMl
— ANI Digital (@ani_digital) December 23, 2021
राज्यसभा सांसद और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के (आई.सी.सी.आर. के) अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने, ‘अमेरिकी विमान कंपनियां उनके विमानों में प्रमुखता से ‘जॅझ’ (१९ वीं शताब्दी में अमेरिका में विकसित हुई संगीत शैली) संगीत बजाते हैं । ऑस्ट्रेलिया की विमान कंपनियां ‘मोझार्ट’ के (मोझार्ट यह १८ वीं शताब्दी में ऑस्ट्रेलिया में जन्मा सुप्रसिद्ध संगीतकार) सुर अधिक पसंद करती हैं । ये कंपनियां उनके देश का संगीत और सांस्कृतिक परंपरा जतन करने का प्रयास करती हैं । उसी अनुसार भारतीय कंपनियों को भी भारतीय मिट्टी में जन्मे और सहस्रों वर्षों के विरासत रूपी संगीत को प्रधानता देनी चाहिए’, ऐसे मत व्यक्त किए ।