किसानों की मृत्यु की कोई भी प्रविष्टि ना होने से मुआवजा देने का प्रश्न ही नहीं उठता ! – केंद्रीय कृषिमंत्री का स्पष्टीकरण

किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार को मुआवजा देने की मांग

नई दिल्ली – कृषि विषयक कानून वापस लेने के आंदोलन में किसानों की मृत्यु होने के मामले में उनके परिवार को मुआवजा देना चाहिए, इस मांग के विषय में केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्टीकरण दिया है । केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र तोमर ने बताया कि, सरकार के पास किसान आंदोलन के कारण मारे गए किसानों की कोई भी जानकारी नहीं है । कृषि मंत्रालय के पास इस प्रकार की कोई भी प्रविष्टि नहीं । इस कारण उनके रिश्तेदारों को मुआवजा देने का प्रश्न ही नहीं उठता ।

शोरगुल के कारण संसद का कार्य दोपहर १२ बजे तक स्थगित

संसद में शोरगुल कर कामकाज में बाधा डालने वाले सांसदों को निलंबित करने के साथ उनके द्वारा बारबार किए समय का मुआवजा वसूल करें !– संपादक 

संसद के तीसरे शीतकालीन अधिवेशन , अर्थात १ दिसंबर के दिन दोनों सभागृहों में कामकाज का प्रारंभ शोरगुल में आरम्भ हुआ । वर्षाकालीन अधिवेशन में शोरगुल करने वाली विरोधी पार्टी के १२ सांसदों को शीतकालीन अधिवेशन की समाप्ति तक निलंबित करने के विरोध में विपक्षी पार्टी की ओर से शोरगुल किया जा रहा था । इस कारण दोनों सभागृह दोपहर १२ बजे तक स्थगित किए गए । सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग विरोधियों की ओर से की जा रही है, तो ‘निलंबित सांसदों को क्षमा मांगनी चाहिए’ ऐसा सभापति की ओर से कहा जा रहा है । विरोधी पार्टियों ने ‘सांसद क्षमा नहीं मांगेगे’, ऐसा कहा है ।