दिल्ली में प्रतिबंध होने पर भी बडी मात्रा में पटाखे जलाने से प्रचंड प्रदूषण !

लोगों को श्वांस लेना भी हुआ कठिन !

  • ऐसे समय पुलिस क्या कर रही थी, अंधी और बहरी हो गयी थी क्या ? यदि पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी जलाए गए होंगे, तो इसे प्रतिबंध का दिखावा ही कहना पडेगा ! – संपादक

  • जनता को पटाखों के कारण होने वाले दुष्परिणाम और हानि का महत्व समझाने में शासनकर्ता असफल रहे हैं, यही इससे स्पष्ट होता है ! यदि पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाया था, तो दिल्ली में पटाखे बेचने वालों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया ? – संपादक

  • यदि सर्वसाधारण जनता को पटाखे उपलब्ध न होते, तो उन्हें जलाने पर भी नियंत्रण हो जाता, यह शासनकर्ताओं को कैसे नहीं समझ में आता ? – संपादक
प्रातिनिधिक छायाचित्र

नई दिल्ली – राजधानी दिल्ली में ४ नवंबर की रात दिवाली में पटाखे जलाने से प्रदूषण में प्रचंड बढोतरी होने से लोगों को श्वास लेना कठिन हो गया है । दिवाली में प्रदूषण करने वाले पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाया था; तो भी दिल्ली में अनेक स्थानों पर प्रदूषण करने वाले पटाखे जलाए गए । इस कारण हवा की गुणवत्ता नीचे आकर वो बुरे स्तर पर आ गई है । आने वाले कुछ दिनों में यह गुणवत्ता और नीचे जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है । ५ नवंबर को सुबह पटाखों के धुएं के कारण कोहरे जैसी स्थिति निर्माण हो गई थी । सामने २०० मीटर की दूरी पर भी अंधेरा दिख रहा था ।

१. दिल्ली के जनपथ क्षेत्र में ‘हवा गुणवत्ता निर्देशांक’ (ए.क्यू.आई.) ‘खतरनाक श्रेणी में’ पहुंच गया । संपूर्ण दिल्ली का ‘हवा गुणवत्ता निर्देशांक’ ४४६ सहित ‘गंभीर श्रेणी में’ पहुंच गया । उसी समय नोएडा और गाजियाबाद की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई थी । शहर के अनेक लोगों ने उनके गले में खराश और आंखों में पानी आने की शिकायत की ।

२. केंद्र सरकार के अनुमानानुसार ७ नवंबर सुबह तक हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा ।