हिन्दुत्वनिष्ठों के विरोध उपरांत अंततः ‘रावण लीला’ फिल्म का नाम परिवर्तित !

धर्महानि रोकने के लिए संबंधितों को नोटिस भेजनेवाले धर्मप्रेमी श्री. कमलेश गुप्ता और अधिवक्ता प्रकाश साळसिंगीकर का अभिनंदन !

     ठाणे (महाराष्ट्र) – १ अक्टूबर को प्रदर्शित होनेवाले ‘रावण लीला’ चलचित्र (फिल्म) का शीर्षक, उसका फलक, उसके ‘ट्रेलर’ के (चलचित्र प्रदर्शित होने के पहले दिखाए जानेवाला कुछ मिनटों का विज्ञापन) कुछ संवाद, साथ ही उसकी ‘टैगलाइन’ (‘राम में क्यों तूने रावण को देखा’), चलचित्र का फलक और शीर्षक में श्रीराम और रावण की अयोग्य और अश्लील पद्धति से तुलना की गई है । (आज हिन्दू संगठित न होने से चलचित्र निर्माता, निर्देशक, कलाकार इत्यादि हिन्दू देवताओं का अपमान करने का साहस करते हैं । ‘चलचित्र का विरोध होने पर, नकारात्मक ही सही; पर ख्याति मिलती है’, ऐसी चलचित्र निर्माता और निर्देशकों की विचारधारा दिखाई देती है । यह स्थिति बदलने के लिए हिन्दुओं को संगठित तथा वैधानिक मार्ग से प्रयास करना चाहिए ! – संपादक)

अंबरनाथ के धर्मप्रेमी श्री. कमलेश गुप्ता द्वारा नोटिस भेजने पर चलचित्र का नाम ‘रावण लीला’ बदलकर ‘भवई’ रखा !

     श्रीराम के विषय में भ्रांतियां फैलाकर रावण का महिमामंडन करने के प्रकरण में ‘रावण लीला’ चलचित्र के लेखक, निर्देशक और निर्माता को अंबरनाथ के धर्मप्रेमी श्री. कमलेश गुप्ता द्वारा १३ सितंबर को अधिवक्ता प्रकाश साळसिंगीकर के माध्यम से नोटिस भेजी गई । श्री. गुप्ता ने मांग की थी कि ‘इस चलचित्र के कुछ प्रसंग और संवाद निरस्त कर बिना शर्त क्षमा मांगें ।’ हिन्दुत्वनिष्ठों ने भी सामाजिक माध्यमों द्वारा इस चलचित्र का विरोध किया था । अंततः इस चलचित्र का नाम परिवर्तित कर ‘भवई’ रखा गया । चलचित्र विश्लेषक तरुण आदर्श ने सामाजिक माध्यमों द्वारा यह जानकारी दी । चलचित्र के निर्देशक हार्दिक गज्जर ने घोषित किया कि ‘दर्शकों की भावनाओं का आदर कर हम ‘रावण लीला’ चलचित्र का नाम परिवर्तित कर ‘भवई’ रख रहे हैं ।’

     इस चलचित्र के ‘ट्रेलर’ में रावण और श्रीराम की भूमिका निभानेवाले कलाकारों के संवादों द्वारा रावण का अच्छा पक्ष प्रस्तुत करने का, साथ ही ‘उसके द्वारा किए गए कार्य किस प्रकार उचित थे’, यह दर्शाने का प्रयास किया गया है । इसके विपरीत श्रीराम की भूमिका निभानेवाले कलाकार को ऐसा कहते हुए दिखाया गया है, ‘मैं केवल परमेश्वर हूं; इसलिए मेरा जयजयकार किया जाता है ।’ इस ‘ट्रेलर’ में अन्य त्रुटिपूर्ण, अपमानजनक और देवताओं का अपमान करनेवाले दृश्य भी दिखाए गए हैं । इससे समाज में अनुचित संदेश प्रचारित हुआ है, जिस कारण हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं । चलचित्र में रावण का महिमामंडन कर मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम की छवि कलंकित करने का प्रयास किया गया है । (हिन्दुओं के श्रद्धाकेंद्र पर आक्रमण कर हिन्दुओं के मन में देवताओं की छवि कलंकित करने के इस षड्यंत्र का हिन्दू वैधानिक मार्ग से विरोध करें ! – संपादक) (१५.९.२०२१)