(कहते हैं) ‘लडकों और लडकियों की शिक्षा अलग अलग होनी चाहिए !’

‘जमियत उलेमा-ए-हिंद’ के अध्यक्ष अरशद मदनी का आवाहन !

  • महिलाओं ने बुरखा पहनने का समर्थन करते हुए, ‘पुरूषों की बुरी दृष्टि से बचने के लिए महिलाओं को बुरखा पहनने के लिए कहा जाता है’, ऐसा इस्लामी अध्ययनकर्ताओं की ओर से बताया जाता है । ऐसा होते हुए भी ‘मुसलमान महिलाओं पर उनके समाज के लोगों की ओर से लैंगिक अत्याचार क्यों होते हैं ?’ इस प्रश्न का उत्तर उनके पास नहीं ! साथ ही ५ महिलाओं से विवाह करने की स्वतंत्रता है, यहां यह भी ध्यान देना चाहिए ! – संपादक

  • इस कारण अनैतिकता दूर करने के लिए लडकों और लडकियों को स्वतंत्र शिक्षा देना, यह पर्याय ना होकर मूलरूप से वासनांध वृत्ति में परिवर्तन होना आवश्यक है । उसे दूर करने के लिए मदनी को उनके धर्मं वालों का आवाहन करना चाहिए ! – संपादक
‘जमियत उलेमा-ए-हिंद’ के अध्यक्ष अरशद मदनी

नई दिल्ली – अनैतिक आचरण से दूर रहने के लिए लड़कों और लड़कियों की शिक्षा अलग अलग होनी चाहिए, ऐसा आवाहन ‘जमियत उलेमा-ए-हिंद’ के अध्यक्ष अरशद मदनी ने किया है । मदनी ने गैर मुसलमानों से भी यह आवाहन किया है । उनके संगठन की बैठक में उन्होंने यह आवाहन किया ।