(कहते हैं) ‘अपने घर में सम्मान न मिलने के कारण दलित धर्मांतरण करते हैं !’ – बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी

  • ऐसा कहीं नहीं दिखाई देता है कि अपना घर छोडकर दूसरे के घर जाने पर सम्मान मिलता है । इसके विपरीत दूसरे घर में वे पराए ही ठहराए जाते हैं एवं उन्हें नीची दृष्टि से ही देखा जाता है । यही वास्तविकता है !
  • जातिगत भेदभाव मिटाने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, धार्मिक संगठन, संप्रदाय आदि कार्य कर रहे हैं; परंतु यही सत्य है कि गरीब हिन्दुओं का प्रलोभन देकर धर्मांतरण किया जा रहा है । यह बात मांझी क्यों नहीं बताते ?

पाटलिपुत्र (बिहार) – बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री एवं ‘हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा’ के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा है कि हिन्दू धर्म में भेदभाव होना ही धर्मांतरण का मुख्य कारण है । (हिन्दू धर्म में जाति व्यवस्था नहीं है, इसलिए भेदभाव का प्रश्न ही नहीं उठता । धर्म शिक्षा न मिलने के कारण, विगत वर्ष बिहार के गया में निरंतर दलितों का ईसाई एवं बौद्ध धर्म में धर्मांतरण हुआ है । वे इस विषय पर बात कर रहे थे ।

जीतन राम मांझी द्वारा प्रस्तुत सूत्र

जीतन राम मांझी

१. जब अपने ही घर किसी को सम्मान न मिलता हो, तो स्वाभाविक है कि ऐसे लोग अन्य किसी के घर जाएंगे । ऐसे समय में कौन किस धर्म में जा रहा है, यह समस्या नहीं है । घर के स्वामी को यह ध्यान रखना आवश्यक है कि अंततः ये लोग दूसरे घर क्यों जा रहे हैं तथा क्या अपने घर में उनका विकास नहीं होगा ?

२. दलितों की हुई उपेक्षा के कारण उनकी भावनाएं आहत हुई हैं, इसलिए वे धर्मांतरण कर रहे हैं । ऐसा करने के लिए उन पर कोई दबाव नहीं है । यदि यही उपेक्षा अन्यत्र भी हो रही हो, तो वहां भी धर्मांतरण होगा । इस धर्म परिवर्तन से देश पर कोई विपत्ति नहीं आती । (धर्मांतरण का अर्थ है राष्ट्रांतरण ! ‘यदि हिन्दू एक धर्म से दूसरे धर्म में जाता है, तो हिन्दुओं की संख्या एक से कम नहीं होती है, अपितु शत्रु की संख्या एक से बढ जाती है’, ऐसा स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने कहा है । इसलिए मांझी कितना भी दावा क्यों न करें, यह असत्य ही है ! – संपादक)

३. जब एक दलित मुख्यमंत्री किसी मंदिर से दर्शन लेकर आने के पश्चात मंदिर धोया जाता है, इससे क्या समझें ? (यदि ऐसा हुआ हो, तो वह अनुचित है । हिन्दुओंको धर्म शिक्षा न होने के कारण ही वर्णाश्रमव्यवस्था के स्थान पर हिन्दुओं में जातियां निर्माण हुईं । इसे दूर करने के लिए हिन्दुओं को धर्म शिक्षा देना अत्यंत आवश्यक है ! – संपादक)