परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘ईश्वर की कृपा अनुभव करने के उपरांत समाज में कोई प्रशंसा करे, तो उसका मूल्य शून्य प्रतीत होता है ।’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले
‘ईश्वर की कृपा अनुभव करने के उपरांत समाज में कोई प्रशंसा करे, तो उसका मूल्य शून्य प्रतीत होता है ।’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले