परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘शरीर मन और बुद्धि को समझ में आए, ऐसा विश्व में एक लाखवां भाग भी नहीं है; तब भी उनसे ज्ञात हुई बातों को महिमामंडित करनेवालों का नाम क्या कभी इतिहास में लिखा जाएगा ?’
– (परात्पर गुरु) डॉ आठवले
‘शरीर मन और बुद्धि को समझ में आए, ऐसा विश्व में एक लाखवां भाग भी नहीं है; तब भी उनसे ज्ञात हुई बातों को महिमामंडित करनेवालों का नाम क्या कभी इतिहास में लिखा जाएगा ?’
– (परात्पर गुरु) डॉ आठवले