पैगंबर मुहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने वाली चार्ली हेब्दो पत्रिका द्वारा ऑक्सीजन की कमी को लेकर हिन्दू देवताओं का अपमान !

(कहते हैं) ‘३ करोड ३० लाख देवी-देवता हैं, किंतु वे ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं कर सकते !

जिन्हें हिन्दू देवी-देवताओं की संख्या ज्ञात नहीं है, वे उनकी आलोचना करते हैं ; इससे पता चलता है कि वे कितने अज्ञानी हैं !

सृष्टि की निर्मिति देवताओं द्वारा की गई है, जिसमें ऑक्सीजन भी सम्मिलित है ; किंतु वर्तमान स्थिति देवताओं के कारण नहीं, अपितु प्रशासन और अन्य संस्थानों की अक्षमता के कारण उत्पन्न हुई है । भारत में ही नहीं, अपितु विश्व में भी यदि लोग साधना कर रहे होते, तो कोरोना जैसा संकट नहीं आया होता या आता भी तो यह इतना भयानक नहीं होता ; यह भी उतना ही सत्य है !

किसी का व्यंगचित्र बनाने से अधिक गंभीर है अयोग्य विचार करना, इसलिए चार्ली हेब्दो की आलोचना को हिन्दू कभी स्वीकार नहीं करेंगे ! उन्हें याद रखना चाहिए कि इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं कहा जा सकता और हिन्दुओं से वे क्षमायाचना करें !

गिरजाघर से कहा जाता है, स्वर्ग से पिता आपकी मदद करेंगे । ‘चार्ली हेब्दो आज की स्थिति के बारे में सवाल क्यों नहीं पूछती ?’, यदि कोई व्यक्ति ऐसा प्रश्न उठाता है, तो चार्ली हेब्दो क्या जवाब देगी ?

हिन्दू धर्म महान है, इसमें ३३ करोड देवता हैं और प्रत्येक देवता के कार्य अलग-अलग हैं । संगीत, नृत्य, चित्रकला, शिक्षा, वास्तुकला आदि के देवता हैं । श्रीगणेश जीवनशक्ति प्रदान करनेवाले देवता हैं ; हिन्दू इस धर्मशास्त्र से अवगत नहीं हैं, क्योंकि उनके पास धर्म शिक्षा का अधिकार नहीं है । इसलिए, चार्ली हेब्दो जैसी पत्रिकाएं इसका लाभ उठा रही हैं । हिन्दुओं को इसे ध्यान में रखते हुए धर्म शिक्षा लेनी चाहिए !

पेरिस (फ्रांस) – फ्रांस की चार्ली हेब्दो पत्रिका, जिसपर पैगंबर मोहम्मद का व्यंगचित्र प्रकाशित करने के बाद जिहादी आतंकवादियों द्वारा आक्रमण  किया गया था, अब भारत के कोरोना रोगियों की मृत्यु के लिए ऑक्सीजन की कमी के लिए हिन्दू देवताओं को उत्तरदायी ठहराने का प्रयास कर रही है । इस पत्रिका में, भारत में ऑक्सीजन की कमी और कोरोना के बढते विवाद पर प्रकाशित एक व्यंगचित्र से पता चलता है कि कई भारतीय जमीन पर लेटे हुए हैं तथा ऑक्सीजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं । इस तस्वीर के नीचे लिखा है, ‘३३ कोटि देवता हैं, किंतु कोई भी ऑक्सीजन का उत्पादन करने में सक्षम नहीं है ।’

सोशल मीडिया पर इस चित्र का विरोध हो रहा है । एक ओर चार्ली हेब्दो के बहिष्कार की मांग की जा रही है, तो दूसरी ओर कुछ लोगों द्वारा, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में बात कर रहे हैं, इसका समर्थन किया जा रहा है ।

एक ट्विटर यूजर ने चार्ली हेब्दो को लिखा कि हमारे पास ३ करोड ३० लाख नहीं, ३३ करोड़ देवता हैं। उन्होंने हमें कभी पराजित न होने का ज्ञान दिया है। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और फ्रांस के नागरिकों का सम्मान करते हैं। इसलिए आपको चिंता नहीं करनी चाहिए। आपके कार्यालय या कर्मचारियों पर आक्रमण नहीं किया जाएगा।

एक अन्य उपयोगकर्ता ने लिखा कि, ‘३३ करोड़ देवी-देवता प्रकृति में विराजमान हैं । भारत जैसे देश आप जैसे देशों की का अनुकरण कर पेडों को काट रहे हैं । हम वृक्षों को देवता मानते हैं ।’

लेखक देवदत्त पटनायक ने लिखा है कि, ‘जब चार्ली हेब्दो ने पैगंबर मुहम्मद का व्यंगचित्र बनाया, तो उन्हें हिन्दुओं का समर्थन प्राप्त था ; किंतु अब देवताओं के व्यंगचित्र से वे आहत हैं । वे अब क्या कहने जा रहे हैं ?’ (यह दिखाता है कि पटनायक, चार्ली हेब्दो द्वारा देवताओं का अपमान करने के लिए गुस्सा होने के बजाय आनंदित हैं कि, उसने हिन्दुत्व समर्थकों  को आघात पहुंचाया है । इसलिए हिन्दू विरोधी प्रसन्न हैं, इसे याद रखें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) हम किसी का सिर नहीं काटेंगे ; किंतु लोग नेताऒं की निष्क्रियता को नहीं देख सकते ।