सनातन ग्रंथमाला : परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का विविधांगी कार्य, विचार एवं छायाचित्रमय जीवनदर्शन

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीके सर्वांगीण कार्यका संक्षिप्त परिचय

     शीघ्र ईश्वरप्राप्ति हेतु ‘गुरुकृपायोग’ साधनामार्ग की निर्मिति; साधना, राष्ट्र-धर्म आदि के विषय में ग्रंथसंपदा; आध्यात्मिक शोध; हिन्दू-संगठन; महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय इत्यादि विविधांगी कार्याें की संक्षिप्त जानकारी देनेवाला ग्रंथ !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीके ओजस्वी विचार !

     परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीके न्याय, प्रशासन, राजनीतिक दल, लोकतंत्र, बुद्धिवाद आदि विषयों पर विचार समाज, राष्ट्र, धर्म एवं संस्कृति के हितों की रक्षा हेतु हैं । हिन्दू राष्ट्र-स्थापना का कार्य करनेवालों के लिए भी ये विचार प्रेरणादायी हैं ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीका छायाचित्रमय जीवनदर्शन (रंगीन)

     यह ग्रंथमाला साधकों के लिए केवल भाववृद्धि की धरोहर ही नहीं; अपितु उन्हें साधना, राष्ट्रकार्य एवं धर्मकार्य करने की स्फूर्ति देनेवाला अमूल्य भंडार भी है !

  • परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीका पूर्वजीवन, संक्षिप्त कार्य एवं विशेषताएं
  • परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीकी शिष्यावस्था एवं गुरुरूप
  • परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीका स्थूल स्तरीय अलौकिक कार्य
  • परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीका सूक्ष्म स्तरीय कार्य व आध्यात्मिक शोधकार्य

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