ओटीटी मंच को नियंत्रित करने के लिए नियम नहीं तो कानून ही होना चाहिए ! – सुप्रीम कोर्ट का स्पष्टीकरण

ऐमज़ान प्राइम इंडिया के प्रमुख की गिरफ्तारी पर रोक !

क्या यह समझा जाए कि जब कई हिंदुत्ववादी संगठनों की मांग थी, सरकार ने नियम बनाए और उन्हें एक सतही उपाय के रूप में प्रस्तुत किया ? सरकार कानून बनाने के फार्मूले के साथ कैसे नहीं आई ? जनता को लगता है कि सरकार को तुरंत कानून बनाना चाहिए !

नई दिल्ली : ओटीटी मंच को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का कोई मतलब नहीं है । इसमें मुकदमा दर्ज करने का उल्लेख नहीं है । सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी फोरम पर केंद्र सरकार के नियमों में शून्यता को उजागर करते हुए कहा है कि, ‘ओटीटी को विनियमित करने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए, नियम नहीं ।’

न्यायालय ने ‘तांडव’ वेब श्रृंखला के संबंध में ऐमज़ान प्राइम की भारत प्रमुख, अपर्णा पुरोहित को गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया है । न्यायालय ने कहा, “अपर्णा पुरोहित को इस संबंध में चल रही जांच में पुलिस के साथ सहयोग करना चाहिए ।”