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- हिंदुओं, देश में हिंदू राष्ट्र की स्थापना के बिना, हिंदुओं और हिंदुत्वप्रेमियों की रक्षा करना असंभव है, इसके लिए सक्रिय रहें !
- ध्यान दें कि सामान्यत: मुसलमान, पुरो (अधो) गामियों की हत्या होने पर रोनेवाले पंथ निरपेक्ष, इस घटना के बारे में चुप हैं !
नई दिल्ली : १० फरवरी की रात, दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में बजरंग दल के एक २६ वर्षीय कार्यकर्ता, रिंकू शर्मा के घर में ३० से ४० कट्टरपंथियों की भीड ने घुसकर तोडफोड की और उसकी पीठ में छुरा घोंप कर उसकी हत्या कर दी । रिंकू शर्मा के परिवार के अनुसार, श्री राम मंदिर की अर्पण फेरी के दौरान ५ अगस्त को कट्टरपंथियों के साथ उनकी बहस हुई थी, वही इस हत्या का कारण बनी, उन्होंने दावा किया । पुलिस ने मामले में मेहताब, दानिश, जाहिद, ताजुद्दीन और इस्लाम को गिरफ्तार किया है एवं अन्य आरोपी फरार हैं । रिंकू शर्मा के परिवार ने हत्या के बाद पुलिस से सुरक्षा की मांग की है । रिंकू शर्मा बजरंग दल के सक्रिय सदस्य थे और यहां हनुमान चालीसा का पाठ करने सहित हिंदुत्व का काम कर रहे थे । वे एक अस्पताल की प्रयोगशाला में कार्यरत थे । जिस इलाके में रिंकू शर्मा रहते हैं, वह मुख्यतः मुसलमान बहुल है । (जहां अल्पसंख्यक बहुसंख्यक हैं, वहां हिंदुओं का नरसंहार करने का प्रयास किया है, यह बार-बार साबित हुआ है ! – संपादक) घटना की सूचना मिलते ही मंगोलपुरी थाने के बाहर बडी संख्या में लोग जमा हुए ।
पुलिस का दावा है कि एक मामूली कहा-सुनी के बाद हत्या की गई !
केंद्र सरकार के नियंत्रण में दिल्ली की ‘सहिष्णु’ पुलिस ! ध्यान दें यह हत्या हिंदू-विरोधी भावनाओं के कारण की गई ! जबकि पुलिस जानबूझकर हमेशा की तरह सच्चाई को छिपाने का प्रयास कर रही है !
पुलिस ने अभी तक हत्या के पीछे धार्मिक मकसद की पुष्टि नहीं की है । पुलिस ने कहा, रिंकू शर्मा अपने घर के पास एक मित्र के जन्मदिन की पार्टी में गए थे । यहां उनका अभियुक्त के साथ एक बहुत ही मामूली विषय पर वाद-विवाद हुआ था । इसके बाद आरोपी रिंकू शर्मा के घर गया और उसकी हत्या कर दी । रिंकू शर्मा और आरोपी ने मिलकर रोहिणी इलाके में एक रेस्तरां खोला था । इस व्यवसाय में उन्हें भारी वित्तीय घाटा उठाना पडा । यह उनके वाद-विवाद का कारण बना, ऐसा उन्होंने कहा । यद्यपि रिंकू शर्मा के भाई मनु शर्मा ने कहा कि उनका कोई रेस्तरां नहीं है । ‘हमारी कोई ‘खाद्य दुकानें भी नहीं है’ । वे ५ अगस्त को श्री राम मंदिर के लिए धन अर्पण जुटाने गए थे, उस दिन भी उन्होंने (कट्टरपंथियों ने) हमसे झगडा किया था ।’
रिंकू की माँ ने कहा, “मैं रिंकू को नहीं बचा सकी ।” घर की पूरी वित्तीय जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी ।
‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने के कारण हत्या होने का दावा परिवार ने किया !
५ अगस्त की फेरी में जब रिंकू शर्मा ने ‘जय श्रीराम’ की घोषणा की तो विवाद छिड गया । इसी वजह से यह हत्या की गई । “जब वह मारा जा रहा था, तब भी वह ‘जय श्रीराम’ के नारे लगा रहा था,” उनके परिवार ने कहा ।
रिंकू शर्मा ने, इस्लाम की पत्नी को रक्तदान किया था व उसके भाई की कोरोना बाधित होने पर सहायता की थी !
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क्यों और कब तक इस तरह की हत्याएं होती रहेंगी ? – भाजपा नेता कपिल मिश्रा
दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया, “यह पहली बार नहीं है जब रिंकू शर्मा, जो श्रीराम मंदिर के लिए अर्पण एकत्र कर रहे थे, मारे गए हैं । अब तक, अंकित सक्सेना, ध्रुव त्यागी, डॉ. नारंग, राहुल, अंकित शर्मा सभी इस तरह मारे गए। लेकिन ऐसा क्यों और यह कब तक चलने वाला है ? ’, उन्होंने पूछा ।