मदरसों को दी जा रही शासकीय राशि ही क्यों नहीं रोक दी जाती ?
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश में मदरसों के नाम पर शासकीय निधि की लूट का प्रकरण सामने आया है । साथ ही कुछ स्थानों पर शिक्षक भर्ती में घोटाले हुए हैं, जबकि कुछ स्थानों पर छात्रों की संख्या में धांधली हुई है । सूचना अधिकार के अंतर्गत दिए गए आवेदन के पश्चात यह घटना ध्यान में आई है । अब, राज्य सरकार ने उसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठन करने का आदेश दिया है । राज्य के मिर्जापुर एवं आजमगढ जनपदों में ४०० मदरसों में ऐसे घोटाले होने की आशंका है ।
इन मदरसों के स्थानों का प्रत्यक्ष दौरा कर निरीक्षण किया जाएगा, इससे कागद पर प्रस्तुत स्थिति और वास्तविक स्थिति के दरम्यान का अंतर ध्यान में आएगा । इसके अंतर्गत शिक्षकों और छात्रों के ‘पुलिस रिकॉर्ड’ तथा शिक्षकों के कागद-पत्रों की जांच की जाएगी । (प्रश्न यह उठता है कि जब नियमानुसार ऐसा करना अनिवार्य है, तो बिना इस प्रक्रिया के प्रशासन ने मदरसों की शासकीय निधि स्वीकार कैसे की ? इसके लिए उत्तरदायी व्यक्तियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जानी चाहिए ! – संपादक)