जर्मनी के एक ईसाई बाल गृह में पादरियों और ननों द्वारा बाल यौन शोषण !

१९४६ से २०१४ के बीच, १६७० पादरियों द्वारा ३६७७ बच्चों का यौन शोषण !

  • केरल की सिस्टर अभया २८ वर्ष पूर्व ऐसी ही हवस का शिकार हुई थी । पादरियों द्वारा बच्चों, ननों और महिलाओं का यौन शोषण एक वैश्विक अपराध बन गया है । ध्यान दें कि भारत में इस पर अधिक चर्चा या इसका प्रचार नहीं होता , किन्तु विदेश में इस पर अत्यधिक चर्चा होती है एवं मीडिया द्वारा प्रसारित किया जाता है । 
  • पादरियों के यौन शोषण और मन की शांति की कमी के कारण पश्चिम में चर्च अब अव्यवस्था की स्थिति में हैं ।इसके अलावा, वहां बडी संख्या में ईसाई, हिंदू धर्म की ओर आकर्षित हो रहे हैं ; किंतु, भारतीय समाचार माध्यम इसे भी अनदेखा कर रहा है !

बर्लिन (जर्मनी) – जर्मनी में एक कैथोलिक नन द्वारा चलाए जा रहे बालगृह में अनाथों का यौन शोषण किया जा रहा है, ऐसा वृत्त डेली मेल ने बताया है । ७३ वर्षीय पीडिता के अदालत को इसके बारे में सूचित करने के बाद यह प्रकरण सामने आया है । पीडिता १९६० से १९७० तक एक बालगृह में रही थी । पीडिता की पहचान गुप्त रखी गई है ।

अदालत ने पीडिता को हर्जाना देने का आदेश दिया है । पीडिता ने कहा, “मुआवजे की राशि खोई हुई जिंदगी को वापस नहीं ला सकती है, जिसे बच्चों के घर में नन द्वारा नष्ट कर दिया गया था ।” इस बालगृह में क्या चल रहा था, व्यक्ति ने इस बारे में विस्तृत जानकारी दी है । जांच के अनुसार, १९४६ और २०१४ के बीच, लगभग १६७० पादरियों ने ३६७७ बच्चों का यौन शोषण किया है । मार्च १९६३ में, वह जर्मन शहर स्पेयर में एक बालगृह में रह रही थी। वह बालगृह ‘ऑर्डर ऑफ सिस्टर्स ऑफ दी डिवाईन सेव्हीअर’ द्वारा चलाया जाता था ।

एक सहस्त्र से अधिक बार पीडिता का बलात्कार हुआ !

इस पीडिता ने बालगृह के विरुद्ध न्यायालय में सीधे एक याचिका दायर की थी । १९६० और १९७० के बीच, एक बालगृह में उसके साथ एक हजार से अधिक बार बलात्कार किया गया, और अन्य अनाथ बच्चों को ननों द्वारा पादरियों एवं नेताओं के साथ यौन संबंध बनाने के लिए दबाव डाला जाता । विरोध करने पर उसे पीटा गया । जब वह ५ वर्ष की थी, तब से उसका यौन उत्पीडन किया गया था ।

अनाथालय में पादरियों एवं राजनीतिक नेता द्वारा चाहे जिसका यौन शोषण !

पीडिता ने न्यायालय को बताया कि बच्चों को यौन शोषण के लिए बाहर भेजा जाता है, उसी प्रकार, बालगृह में भी यौन उत्पीडन किया जाता था । अनाथालय में एक कमरा था । वहां ७ और १४ वर्ष की आयु के बच्चों को पादरियों, नेताओं और अन्य लोगों के सामने भेजा जाता था । वे जब चाहें बच्चों का बलात्कार करते थे । इन बच्चों को सुनने वाला कोई नहीं था।

बालगृह में नन, दलालों की तरह काम कर रही थीं !

पीडिता ने कहा कि, बालगृह में नन एक दलाल के रूप में काम कर रही थी । अगर किसी ने उसकी बात मानने से मना कर दिया, तो उन्हें पीटा जाता था । बाल यौन शोषण के लिए नन को पैसा दिया जाता था ।

ननों द्वारा भी शोषण !

बालगृह की नन भी बच्चों का यौन शोषण करतीं थीं । वर्ष २००० में एक विवाद के बाद अनाथालय बंद कर दिया गया था ; किंतु, उसके बाद भी यौन शोषण की खबरें सामने आतीं रही थीं ।