सुल्तानी आक्रमणों के पूर्व कश्मीर की संस्कृति और संपन्नता दर्शानेवाली विशेषताएं
- २ सहस्र वर्षों तक विद्या के केंद्र के रूप में पहचान !
- इतिहास, काव्य, उपन्यास, बोधकथाओं और तत्त्वज्ञान से संबंधित उत्कृष्ट कलाकृतियों का स्रोत !
- अनेक संस्कृत विद्वानों, कवियों, कलाकारों और धर्मोपदेशकों की जन्मभूमि !
- महान मौर्य सम्राट अशोक के समय में संपन्नता के शिखर पर पहुंचा हुआ राज्य !
क्रूर मंगोल युद्धखोर दुलूच का पशुवत आक्रमण और हिन्दू राज्य का अंत !
महान हिन्दू राजा हर्ष के काल में कश्मीर में संस्कृति, सहिष्णुता व विद्वता का स्वर्णिम युग था । १४ वीं शताब्दी के आरंभ में एक क्रूर मंगोल आक्रमणकारी दुलूच ने इस राज्य पर आक्रमण किया । इसमें उसने सहस्रों हिन्दुओं का संहार कर हिन्दुओं के अनेक मंदिर ध्वस्त किए । इस पशुवत आक्रमण के कारण यहां के हिन्दू राज्य का पूरी तरह से अंत हो गया ।
सिकंदर द्वारा हिन्दू धर्म पर आघात सुल्तान सिंकदर के काल में किए गए दुष्कर्म
- हिन्दुओं के उत्सवों पर प्रतिबंध !
- माथे पर तिलक लगाने पर प्रतिबंध !
- हिन्दुओं से ‘जिजिया कर’ की वसूली !
- मार्तंड मंदिर सहित सभी हिन्दू आस्था के केंद्रों का विध्वंस !
- हिन्दुओं का बलपूर्वक धर्मांतरण !
फलस्वरूप स्वयं को बचाने और अपना धर्म और ग्रंथसंपदा का जतन करने हेतु सहस्रों हिन्दुओं ने यहां से स्थानांतरण किया ।