क्या बीती कश्मीरी हिन्दुओं पर ?
१९ जनवरी सन १९९० को धर्मांध आतंकवादियोंने समाचारपत्रों में विज्ञापन तथा पत्रकों द्वारा सार्वजनिक धमकी दी ‘हिन्दूू, कश्मीर से निकल जाओ’ । उन्होंने तीन विकल्प रखे –
१. मुसलमान बन जाओ
२. कश्मीर छोड दो अन्यथा
३. मरने के लिए तैयार हो जाओ !
अ. हिन्दुओं ने अपना धर्म नहीं छोडा । उन्होंने अपनी भूमि व संपत्ति को तिलांजलि दी और कश्मीर छोड दिया ।
आ. जिन हिन्दुओं ने कश्मीर नहीं छोडा, वे आतंकवादियों की बर्बरता की बलि चढ गए । उनके घर-द्वार को मिट्टी में मिला दिया गया ।
क्या हुआ कश्मीरी हिन्दुओं के संदर्भ में ?
आतंकियों की ओर से हिन्दुओं को कश्मीर छोडने की धमकी
१९ जनवरी १९९० को धर्मांध आतंकियों ने समाचारपत्र में विज्ञापन देकर और पत्रकें बांटकर हिन्दुओं को ‘हिन्दू कश्मीर से चले जाएं’, खुलेआम यह धमकी दी ।
आतंकियों की इन धमकियों के कारण कश्मीरी हिन्दुओं पर हुए परिणाम !
१. हिन्दुओं ने धर्मपरिवर्तन न कर अपनी भूमि और संपत्ति का त्याग कर कश्मीर छोडा, इसका अर्थ हिन्दूबहुसंख्यक राष्ट्र में हिन्दुओं पर ही विस्थापित होने की स्थिति आ गई ।
२. कश्मीर न छोडनेवाले हिन्दुओं को आतंकियों के अमानवीय अत्याचारों की बलि चढनी पडी और हिन्दुओं के घर जलाकर राख किए गए ।
कैसा था अब तक का कश्मीर ?
- अधिकतर स्थानों पर पाकिस्तान का ध्वज फहरानेवाला !
- पाकिस्तान की भांति प्रत्येक शुक्रवार को छुट्टी लेनेवाला !
- क्रिकेट मैच में पाकिस्तान के जीतने पर विजयोत्सव मनानेवाला !
- केवल २ प्रतिशत हिन्दू जनसंख्यावाला और बिना एक भी देवालयवाला !
हिन्दुओं को कंपित करनेवाली धमकियां !
१९८९-९० की अवधि में कश्मीरी हिन्दुओं को मिलीं धमकियां…
- कश्मीर में रहना है, तो ‘अल्लाह-हो-अकबर’ बोलना होगा !
- हमें चाहिए पाकिस्तान और हिन्दू महिलाएं; परंतु नहीं चाहिए उनके पति !
- अरे पापी काफिरों, हमारा कश्मीर छोडकर चले जाओ !
- (कश्मीर) यहां निजाम-ए-मुस्तफा (इस्लामी राज्य) का राज्य आरंभ होनेवाला है !
- इस्लाम हमारा लक्ष्य ! कुरआन हमारा धर्म !! जिहाद हमारा मार्ग !!!
- हमें चाहिए इस्लामी सरकार ! कश्मीर को चाहिए इस्लामी सरकार !!
- हिन्दुस्थान को चाहिए इस्लामी सरकार !!!
आतंकी फतवे निकालकर, समाचारपत्रों में विज्ञापन छपवाकर, ध्वनियंत्र पर घोषणा कर, गलियों में और हिन्दुओं के घर-घर पर पत्रकें चिपकाकर इस प्रकार की धमकियां देकर कश्मीरी हिन्दुओं को पलायन करने के लिए बाध्य करते थे !
कश्मीरी हिन्दुओं पर इतने अत्याचार होते हुए भी देश के करोडों हिन्दू
मूकदर्शक बने रहे । हिन्दुओं, अपने धर्मबंधुओं के लिए अब तो संगठित हो जाएं !