मोजांबिक में इस्लामिक स्टेट के आक्रमण का प्रसंग
फ्रांस के राष्ट्रपति को जो लगता है, वो इस्लामिक देशों को क्यों नहीं लगता ? उसी तरह भारत को भी नहीं लगता और भारत इसके लिए आगे आकर नेतृत्व क्यों नहीं करता ? पिछले ३ दशक से इस्लामी आतंकवाद से पीडित होते हुए भी भारत का मौन रहना अपेक्षित नहीं !
पेरिस (फ्रांस ) – मोजांबिक में ५० से अधिक लोगों का सिर काट कर हत्या की गई । महिलाओं का अपहरण किया गया । गांवों को लूटकर घरों को आग लगाई गई । जंगली लोंगों ने एक शांतिपूर्ण धर्मवाले का अपहरण कर उसमें आतंकवाद के बीज बोए हैं । इस्लामी आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय संकट है और उसके विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तर देने की आवश्यक्ता है, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्यूअल मेक्रान ने ऐसा ट्वीट किया है । फ्रांस ने कुछ दिन पहले अफ्रिका में आए माली देश के अलकायदा के आतंकवादियों पर एयर स्ट्राइक कर ५० से अधिक लोगों को मारा था ।
मोजांबिक का आक्रमण इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा किया गया था । आक्रमण करते समय वे ‘अल्ला हू अकबर’ की घोषणा कर रहे थे । अपहरण की गई महिलाओं पर बलात्कार कर शारीरिक संबंध के लिए उन्हें दासी बनाकर रखा गया है । सीरिया में पराजित हुए इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी पूर्वी अफ्रिकी देश मोजांबिक के ‘मोसिमबोआ दा प्रेइया’ नाम के शहर को नई राजधानी घोषित कर वहां घर निर्माण कर रह रहे हैं । यहां के घने जंगल और हिन्द महासागर से सीधा संपर्क होने के कारण इस देश को ‘आतंकवादियों का स्वर्ग’ माना जाता है ।
मोजांबिक में अभी तक इस्लामिक स्टेट द्वारा की गई हिंसा !
१. वर्ष २०१७ से अभी तक १५०० से अधिक लोगों की हत्या ।
२. इस्लामिक आतंकवादियों के डर से लाखों लोगों ने अपना घर छोड कर देश के अन्य शहरों में पलायन किया ।
३. देश में बडे स्तर पर महिलाओं का अपहरण कर उन्हें ‘वेश्या और नौकरानी’ बनाकर रखा है ।
४. उन्होंने देश के कच्चे तेल के कुओं पर नियंत्रण हासिल कर लिया है ।