कानपुर (उत्तर प्रदेश) के ‘लव जिहाद’ के प्रकरणों में विशेष अन्वेषण दल के पास १४ हिन्दू युवतियों का बलपूर्वक धर्मांतरण किए जाने के ठोस प्रमाण

कानपुर (उत्तर प्रदेश) – यहां के ‘लव जिहाद’ के प्रकरणों की जांच के लिए विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) का गठन किया गया है । इस दल के द्वारा जांच पूरी हुई है तथा कुल प्रकरणों में १४ हिन्दू युवतियों का बलपूर्वक धर्मांतरण किए जाने का प्रमाण सामने आया है । इनमें से ५ प्रकरणों का अंतिम ब्यौरा भी तैयार हुआ है । शेष ९ प्रकरणों में विशेष अन्वेषण दल को इन युवतियों का बलपूर्वक धर्मांतरण किए जाने के ठोस प्रमाण मिले हैं ।

हिन्दू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाने के लिए पैसों का उपयोग

धर्मांध सामाजिक माध्यमों पर फर्जी खाता बनाकर युवतियों के साथ मित्रता करते हैं । तत्पश्चात उन्हें प्रेम-जाल में फंसाते हैं । इस अवधि में ये युवक पानी की तरह पैसा बहाते हैं तथा युवतियों का ‘ब्रेनवॉश’ करते हैं । तत्पश्चात विविध लालच देकर उन्हें अपने साथ ले जाकर बलपूर्वक उनका धर्मांतरण किया जाता है । (जहां ‘लव जिहाद’ एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र होने से उसके लिए विदेशों से बडी मात्रा में पैसे आते हैं, ऐसे दावे किए जाते हैं; वहां इन निर्धन धर्मांधों के पास आनेवाला पैसा भी वही होगा । उत्तर प्रदेश पुलिस को इसकी जड में जाकर देश के आधुनिकतावादियों को ‘लव जिहाद’ क्या है, यह दिखा देना चाहिए ! – संपादक)

धर्मांध निर्धन परिवार से होते हुए भी उनके लिए महंगे अधिवक्ताओं की सहायता उपलब्ध करना

पिछले ‘लव जिहाद’ के प्रकरणों में ये धर्मांध आरोपी आर्थिक दृष्टि से दुर्बल वर्ग से होने की बात ध्यान में आई । ऐसा होते हुए भी इन धर्मांधों ने जिला न्यायालय से लेकर उच्च न्यायालयतक महंगे अधिवक्ताओं की सहायता ली है । इसलिए उन्हें धन की आपूर्ति करने के पीछे कहीं कोई प्रतिबंधित संगठन तो नहीं है ?, अन्वेषण दल के ब्यौरे से इसका खुलासा हो सकता है । (‘लव जिहाद’ एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र होने के कारण ही इन धर्मांध युवकों को इस प्रकार की सहायता मिल रही है, एक बार पुनः यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है ! – संपादक)