केंद्र सरकार अब नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम और ऑनलाइन समाचार पोर्टल जैसे ओटीटी ऐप पर दृष्टि रखेगी

संशोधित अधिसूचना प्रकाशित

  • हिन्दुओं की अपेक्षा है कि केंद्र सरकार इन कार्यक्रमों पर मात्र दृष्टि न रख, इनके माध्यम से हिन्दू धर्म, देवी-देवता, धर्मग्रंथ आदि का हो रहा अपमान भी बंद करवाए !

  • केंद्र सरकार का सेंसर बोर्ड, फिल्मों की निगरानी के लिए यद्यपि अस्तित्व में है; तदापि हिन्दुओं के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे चित्रपटों में हिन्दू धर्म, देवता आदि का अपमान करना बंद नहीं कर रहे हैं ! ‘लक्ष्मी’ चित्रपट का नाम पहले ‘लक्ष्मी बम’ था । जबकि इस चित्रपट में ‘बम’ से संबंधित कोई घटना नहीं थी तो भी यह नाम दिया गया था । सेंसर बोर्ड ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया ? इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार को ओटीटी ऐप्स पर कार्यक्रमों की निगरानी करते समय यह देखना चाहिए कि ओटीटी ऐप्स पर दुबारा ऐसे प्रकरण न हों !

नई देहली : केंद्र सरकार ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के नियंत्रण में नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम, ऑल्ट बालाजी, जेड ५ और ऑनलाइन समाचार पोर्टल जैसे ओटीटी ऐप आदि को लाने का निर्णय लिया है । इस संदर्भ में राष्ट्रपति द्वारा एक संशोधित अधिसूचना जारी की गई है । यह कार्य केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर अर्थात सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आएगा ।

( सौजन्य : NDTV)

उच्चतम न्यायालय में एक याचिका प्रविष्ट की गई थी, जिसमें कहा गया था कि नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम और ऑल्ट बालाजी जैसे सभी ओटीटी ऐप को एक स्वायत्त निकाय के नियंत्रण में लाया जाए । शीर्ष अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र से इसका उत्तर मांगा था । इसके उपरांत केंद्र सरकार ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के नियंत्रण में ओटीटी ऐप और ऑनलाइन समाचार पोर्टल लाने पर विचार किया था । अंतत: इस संबंध में एक संशोधित अधिसूचना जारी की गई है । केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना, सूचना प्रसारण विभाग ऑनलाइन मीडिया, ऑनलाइन फिल्म, ऑडियो-विजुअल सामग्री (वीडियो), समाचार और वर्तमान घटनाओं से संबंधित नवीनतम सामग्री पर दृष्टि रखेगा । वर्तमान में, इन नए संचार माध्यमों को नियंत्रित करने के लिए कोई कानून या तंत्र उपस्थित नहीं है ।