हिमालय क्षेत्र में भयंकर बाढ आने की संभावना ! – शोधकर्ताओं का अध्ययन

ग्लोबल वर्मिंग के कारण लद्दाख में बर्फ पिघलने का संकट

नई देहली : ग्लोबल वार्मिंग ने लद्दाख में ग्लेशियरों और जमी हुई झीलों को संकट में डाल दिया है । यहां सर्दियों में तापमान शून्य से १६ अंश सेल्सियस से अल्प रहता है; किंतु तीव्र गति से बढते तापमान के कारण यहां की बर्फ पिघल रही है । बर्फ के तालाब भी पिघल रहे हैं । इससे हिमालय में बाढ आ सकती है, यदि ऐसा होता है, तो उत्तर भारत सहित देश एक प्राकृतिक आपदा का सामना कर सकता है । दक्षिण एशियाई संस्थान और ‘हीडलबर्ग सेंटर फॉर द एवारन्मेंट ऑफ रुपर्टो कैरोला’ के शोधकर्ताओं ने संशोधन के उपरांत यह कहा है । शोध को वैज्ञानिक पत्रिका नेचुरल हैजर्ड्स में प्रकाशित किया गया है । न केवल भारत के लद्दाख क्षेत्र में बर्फ पिघल रही है, बल्कि ग्लोबल वार्मिंग ने विश्व के अनेक भागों में इसी तरह की स्थिति उत्पन्न कर दी है ।

भूवैज्ञानिक प्रा. मार्क्स नुसरर के अनुसार, लद्दाख के ग्लेशियरों का अध्ययन करने के लिए उपग्रह इमेजरी का उपयोग किया गया था । यहां तेजी से बर्फ पिघलने के फलस्वरूप हिमालय के तराई क्षेत्रों में बाढ आ सकती है । केदारनाथ में बाढ के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी । इसीलिए भारत सहित सभी एशियाई देशों के लिए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने का प्रयत्न करना अति आवश्यक है । हमारा अध्ययन बताता है कि भविष्य में इस तरह की बाढ से कैसे बचा जा सकता है ।