हिन्दू छात्रों का सोशल मीडिया एकाउंट हैक कर उस पर इस्लाम विरोधी पोस्ट बनाकर उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाने का षड्यंत्र !

बांग्लादेश में ईशनिंदा के नाम पर हिन्दू छात्रों के हो रहे उत्पीडन को रोकने की हिन्दुओं ने की मांग

  • यह एक नए प्रकार का ‘साइबर जिहाद’ है जो हिन्दुओं को झूठे अपराधों में फंसाता है और उन्हें इस्लाम विरोधी सिद्ध कर मृत्यु दंड दिलाने का प्रयास करता है !
  • हिन्दुओं को अपेक्षा है कि भारत सरकार इस पर ध्यान देकर बांग्लादेशी हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाए !

ढाका (बांग्लादेश) – मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में कट्टरपंथी, अब हिन्दू छात्रों को लक्ष्य बना रहे हैं । हिन्दुओं को ईशनिंदा में फंसाने के लिए मुसलमानों द्वारा षड्यंत्र रचे जा रहे हैं, फलस्वरूप बांग्लादेश पुलिस डिजिटल सुरक्षा अधिनियम २०१ की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत बडी संख्या में हिन्दू छात्रों को बंदी बना रही है ।

१. ऐसी घटनाएं रचने के लिए, हैकर्स के माध्यम से कट्टरपंथी हिन्दू नाम के फेसबुक खातों को अपना लक्ष्य बनाते हैं । वे उनके खाते को हैक करके सोशल मीडिया पर इस्लाम विरोधी प्रचार करते हैं । तदनंतर मुस्लिम छात्रों तथा कट्टरपंथियों को उनके स्क्रीनशॉट भेजे जाते हैं । विश्वविद्यालय प्राधिकरण तब छात्र को निलंबित करता है और छात्र के विरुद्ध डिजिटल सुरक्षा अधिनियम (डीएसए) के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट किया जाता है । ऐसे अनेक छात्र पुलिस तथा अदालत के नियंत्रण में सड रहे हैं । कट्टरपंथियों को ईशनिंदा के नाम पर हिन्दुओं को सताने का एक और साधन मिल गया है ।

२. ईशनिंदा की आड में अल्पसंख्यक हिन्दुओं को बंदी बनाकर प्रताडित करना बांग्लादेश में कोई नई बात नहीं है । ईश निंदा के आरोप में केवल अक्टूबर में हिन्दू नवरात्रि उत्सव की अवधि में २ हिन्दू छात्राओं और ६ हिन्दू छात्र की बंदी, एक बडे षड्यंत्र का भाग है । बांग्लादेशी हिन्दू निरंतर डर और साइबर छल-कपट के साये में जी रहे हैं ।

६ छात्रों को इस तरह से प्रताडित किया गया !

१. मिथुन मंडल, वित्त और बैंकिंग विभाग में प्रथम वर्ष के छात्र हैं
२. तिथि सरकार प्राणीशास्त्र विभाग के तीसरे वर्ष की छात्रा हैं
३. प्रतीक मजुमदार, पर्यावरण विज्ञान और आपदा प्रबंधन विभाग में छात्र हैं
४. पाल दिप्तो, फार्मेसी विभाग के छात्र
५. दीप्ति रानी दास, एक स्थानीय कॉलेज की छात्रा
६. मिथुन दे उपाख्य पिकलु नील

‘हिन्दू एक्जिस्टेंस फोरम’ जो एक हिन्दुत्ववादी संगठन है, ने बांग्लादेश में इन छह छात्रों को पुलिस अथवा न्यायिक हिरासत से मुक्त करने की मांग की, साथ ही विश्वविद्यालय से उनका निलंबन वापस लेने की भी मांग की है ।