प्रतिवर्ष १ सहस्र ६०० सैनिक और अधिकारीयों की मृत्यु होती है !

भारतीय सेना में तनाव का परिणाम

सेना ही नहीं, संपूर्ण समाज को साधना की जानकारी न होने के कारण समाज को जीवन का आनंद लेने नहीं आता और वे अशाश्वत बातों में उलझे रहते हैं, जिनका परिणाम जीवन पर होता है । हिन्दू राष्ट्र में प्रत्येक नागरिक को साधना सिखा कर उससे साधना करवाई जाएगी, इससे किसी को भी तनाव नहीं होगा और वह जीवन में आनंद लेगा !

नई देहली – पिछले महीने अर्थात सितंबर में दिल की बीमारी के कारण कर्नल पद के ६ सैन्य अधिकारियों की मृत्यु हुई । उनकी उम्र ४० से ४५ वर्ष के मध्य थी । पिछले कुछ वर्षों में भारतीय सेना में इस प्रकार की विविध बीमारियों के कारण मृत्यु होने वाले सैनिक और अधिकारियों की संख्या अधिक है । एक रिपोर्ट के अनुसार प्रति वर्ष १ सहस्र ६०० सैनिक और अधिकारियों की इस प्रकार की बिमारियों के कारण मृत्यु होती है । इसके पीछे उनके ऊपर तनाव एक बडा कारण माना जा रहा है ।

इस संदर्भ में ३० से ४० वर्ष के अधिकारियों के संबंध में एक रिपोर्ट सामने आई है । उसके अनुसार,

१. ८७ प्रतिशत अधिाकरियों ने बताया, ‘ हम दबाव के कारण छुट्टी नहीं ले सकते ।’

२. ७३ प्रतिशत अधिाकरियों ने कहा, ‘यदि हम छुट्टी लेते हैं, तो भी हमें वापस बुलाया जाता है ।’

३. ६३ प्रतिशत लोगों का कहना था, ‘इस कारण वैवाहिक जीवन पर उसका परिणाम होता है ।’

४. ८५ प्रतिशत का कहना था, ‘भोजन के समय काम के संदर्भ में फोन आने पर उत्तर देना पडता है ।’

५. अभ्यास करने पर ध्यान में आया कि लगभग ७९ प्रतिशत लोगों ने बताया कि, किसी भी प्रकार की गलती न हो, इसके लिए सतर्क रहना पडता है; क्योंकि वह हमारा दायित्व होता है और इससे तनाव का निर्माण होता है ।