अत्याचारों की घटनाओं में एक वर्ष में ७.३ प्रतिशत वृद्धि
- जिस देश में महिला को देवी माना जाता है, उस देश की यह स्थिति लज्जाजनक है !
- अब तक के सर्वदलीय राजकर्ताओं ने समाज को साधना सिखाकर उनमें नैतिकता और धर्माचरण की वृत्ति उत्पन्न नहीं की है, यह उसी का परिणाम है ! इस स्थिति को बदलने हेतु अपराधियों को केवल कठोर दंड देना ही पर्याप्त नहीं है, अपितु समाज को धर्मशिक्षा देकर नैतिक बनाना अधिक महत्त्वपूर्ण है । हिन्दू राष्ट्र में समाज ऐसा ही होगा !
नई देहली – नेशनल क्राइम ब्यूरो के ताजा ब्यौरे में देश में प्रतिदिन ८७ महिलाओं के साथ बलात्कार होने की बात सामने आई है । महिलाओं के साथ हुई अत्याचारों की घटनाओं में वर्ष २०१८ की तुलना में वर्ष २०१९ में ७.३ प्रतिशत वृद्धि हुई है । ३६ राज्य, केंद्रशासित प्रदेश और ५३ शहरों से जानकारी एकत्रित कर यह ब्यौरा बनाया गया है ।
87 Rape Cases A Day, Crimes Against Women Up By 7%, Shows National Data https://t.co/TqqHjIT1EB pic.twitter.com/8sMOkLil1o
— NDTV (@ndtv) September 30, 2020
१. वर्ष २०१९ में प्रारंभ के कुछ महीनों में महिलाओं के साथ अत्याचार के ४ लाख ५ सहस्र ८६१ अपराध प्रविष्ट किए गए हैं ।
२. वर्ष २०१८ में प्रति १ लाख महिलाओं के संदर्भ में पंजीकृत अपराधों की दर ५८.८ प्रतिशत थी, तो वर्ष २०१९ में यह दर ६२.४ प्रतिशत तक पहुंच गई है । वर्ष २०१८ में देश में महिलाओं के साथ अत्याचारों की ३ लाख ७८ सहस्र २३६ अपराध प्रविष्ट किए गए थे ।
३. इस ब्यौरे के अनुसार वर्ष २०१८ में पूरे देश में बलात्कार की ३३ सहस्र ३५६ घटनाओं की प्रविष्टी हुई थी तथा वर्ष २०१७ में यह संख्या ३२ सहस्र ५५९ थी ।
४. पति अथवा उसके परिजनों द्वारा किए गए अत्याचारों का अनुपात ३०.९ प्रतिशत है । शीलभंग की शिकायतों का अनुपात २१.८ प्रतिशत है । अपहरण और अत्याचारों का अनुपात १७.९ प्रतिशत है ।
५. वर्ष २०१८ से २०१९ तक बालकोंपर होनेवाले अत्याचारों की घटनाओं में ४.५ प्रतिशत वृद्धि हुई है । वर्ष २०१९ में बालकों के साथ होनेवाले अत्याचारों की १ लाख ४८ सहस्र घटनाओं की प्रविष्टि हुई है । इसमें ४६.६ प्रतिशत प्रकरण अपहरण के, तथा ३५.५ प्रतिशत प्रकरण यौन अत्याचार के अपराधों से संबंधित हैं ।