नई देहली – हिन्दू जनजागृति समिति और कुछ अन्य संगठनों द्वारा विरोध होने के कारण अब विश्व हिन्दू परिषद भी बहुत शीघ्र हलाल उत्पाद और हलाल प्रमाणपत्र के विरुद्ध देशव्यापी आंदोलन चलानेवाला है ।
विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव सुरेंद्र जैन ने बताया कि
१. हलाल उत्पाद और हलाल प्रमाणपत्र से संबंधित देश-विदेश के उद्योगों पर नियंत्रण रखने के लिए देशव्यापी आंदोलन की आवश्यकता है । देश में ‘हलाल नियंत्रण मंच’ की स्थापना की गई है । इस मंच के अंतर्गत पूरे देश में हलाल व्यवसाय के विरुद्ध अभियान चलाया जाएगा ।
२. मांस के साथ ही खान-पान की अन्य आवश्यक सामग्री के लिए भी हलाल प्रमाणपत्र देने की पद्धति आरंभ हो गई है । पिछली कांग्रेस सरकार ने धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हलाल प्रमाणपत्र को मान्यता दी, जिससे देश में उसका फैलाव बढ गया । अब स्थिति ऐसी बन गई है कि रेल, एयर इंडिया जैसे सरकारी प्रतिष्ठानों में सभी हलाल प्रमाणपत्र प्राप्त उत्पादों की बिक्री की जा रही है, जो पूरी तरह अनुचित है ।
३. हलाल प्रमाणपत्र का व्यवसाय भारत के साथ पूरे विश्व में बढता जा रहा है । इससे मिलनेवाला पैसा कहां जाता है, यह किसी को ज्ञात नहीं है । ऑस्ट्रेलिया जैसा देश इस पर संदेह व्यक्त कर रहा है कि इससे मिलनेवाला पैसा जिहादी आतंकवाद को बल देने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है ।
हलाल प्रमाणपत्र क्या है ?
कुवैत, मलेशिया, कतर, लीबिया आदि इस्लामी देशों में व्यापार चलाने के लिए हलाल प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है । ‘ओआईसी’ अर्थात ‘ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन’ के अंतर्गत आनेवाले सभी ५७ इस्लामी देश इसमें अंतर्भूत हैं । भारत में भी अनेक प्रतिष्ठान हलाल प्रमाणपत्र देते हैं । इसके द्वारा वे इस्लामधर्मियों को अन्नपदार्थाें के उपयोग की अनुमति देते हैं ।
‘हलाल इंडिया’ कैसे काम करता है ?
‘हलाल प्रमाणपत्र’ देने हेतु ‘हलाल इंडिया’ ने एक ‘शरीया बोर्ड’ का गठन किया है । यह बोर्ड हलाल प्रमाणपत्र देते समय ‘संबंधित पदार्थ शरीया कानून के अनुसार बनाया गया है अथवा नहीं ?’, इसका परीक्षण करता है । आजकल हलाल प्रमाणपत्र खान-पान के पदार्थाें के अतिरिक्त औषधियां और ‘कॉस्मेटिक्स’ उत्पादों के लिए भी लिया जाने लगा है ।
प्रतिष्ठान अपने उत्पादों को हलाल प्रमाणित क्यों करते हैं ?
विविध प्रतिष्ठान अपने उत्पादों का इस्लामी देशों में निर्यात करने हेतु हलाल प्रमाणपत्र लेते हैं । कुछ ब्यौरों के अनुसार हलाल खाद्यपदार्थाें का वैश्विक व्यापार १९ प्रतिशत है । इसी कारण अनेक प्रतिष्ठान हलाल प्रमाणपत्र लेते हैं ।
हलाल प्रमाणपत्र का विरोध किसलिए ?
१. हलाल प्रमाणपत्र लेने के कारण उत्पादों का मूल्य बढता है; क्योंकि यह प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए जो पैसे देने पडते हैं, उसकी वसूली अंततः ग्राहकों से ही की जाती है ।
२. हलाल प्रमाणपत्र के कारण गैरमुसलमानों को रोजगार नहीं मिल सकता ।
३. हलाल प्रमाणपत्र के तंत्र के लिए कोई भी नियंत्रक व्यवस्था नहीं है । इसके कारण हलाल प्रमाणपत्र से मिलनेवाले पैसों की प्रविष्टि नहीं होती । इसी कारण ‘इन पैसों का उपयोग जिहादी आतंकवाद को बल देने के लिए किया जाता है’, ऐसा कहा जाता है ।
भारत के हलाल प्रमाणपत्र देनेवाले कुछ महत्त्वपूर्ण संगठन
१. हलाल इंडिया प्रालि
२. हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेस इंडिया प्रालि
३. जमीयत उलमा-ए-महाराष्ट्र (जमीयत उलमा-ए-हिन्द की एक राज्य इकाई)
४. जमीयत उलमा-ए-हिन्द हलाल ट्रस्ट