पत्र के बाद कांग्रेस में आंतरिक विवाद छिडा हुआ है
- कांग्रेस के पास गांधी परिवार को छोड कोई विकल्प नहीं है, सोनिया गांधी ने यह दिखाने का प्रयास किया है; इतना समझने के लिए न तो कांग्रेसी और न ही भारतीय दूध पीते बच्चे हैं !
- यदि ५ मुख्यमंत्री और २३ वरिष्ठ नेता जो नेतृत्व में बदलाव की मांग कर रहे हैं; वास्तव में ऐसा सोचते हैं, तो उन्हें अपनी बात पर दृढ रहकर दल (पार्टी) में अपेक्षित बदलाव करवाना ही चाहिए !
नई देहली : कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी समिति की पैठक में पत्र लिखकर अपने को कांग्रेस अध्यक्ष पद से मुक्त करने की मांग की है । पांच मुख्य मंत्रियों सहित कांग्रेस के २३ वरिष्ठ नेताओं ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र के माध्यम से विकास के लिए नेतृत्व सहित सभी स्तरों पर बडे बदलाव की मांग की थी । उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के रूप में एक पूर्णकालिक सक्रिय नेता की भी मांग की । इस पत्र के उपरांत २४ अगस्त को कांग्रेस कार्यकारी समिति की बैठक बुलाई गई थी । इस बैठक के आरंभ में सोनिया गांधी ने स्वयं को अध्यक्ष पद मुक्त करने हेतु एक पत्र दिया । अपने पत्र में सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया आरंभ करने का सुझाव दिया है ।
Sonia Gandhi asks CWC to relieve her from post of party chief
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— ANI Digital (@ani_digital) August 24, 2020
चिकित्सालय में सोनिया गांधी को पत्र भेजने पर राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं को फटकार लगाई !
कांग्रेस कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को पत्र भेजने पर कांग्रेस नेताओं को फटकारा । ‘‘राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी संघर्षरत होते तथा सोनिया गांधी के चिकित्सालय में रहते पत्र क्यों जारी किया ?’’ राहुल गांधी ने ऐसा पूछा ! पत्र के पीछे भारतीय जनता पार्टी का षड्यंत्र होने का आरोप भी उन्होंने लगाया (राहुल गांधी के इस आक्षेप से कांग्रेस के किसी वरिष्ठ नेता को यदि बुरा लगे, तो पार्टी छोडकर अपने आत्मसम्मान को बनाए रखना उनके हित में होगा !) – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
भाजपा से संबंध सिद्ध हाेने पर मैं त्यागपत्र दुंगा ! – गुलाम नबी आझाद
‘यदि भाजपा से मेरा संबंध सिद्ध हाेता है, ताे मै त्यागपत्र दुंगा’, एेसी प्रतिक्रिया साेनिया गांधी काे पत्र लिखने वाले २३ नेताआें में से एक गुलाम नबी आझाद ने व्यक्त की । राहुल गांधी के कहने पर कि पत्र लिखने के पीछे भाजपा का षडयंत्र है इस पर गुलाम नबी आझाद ने उपराेक्त प्रतिक्रिया व्यक्त की ।
… फिर भी हम भाजपा से मिले हैं ? – कपिल सिब्बल ने जताई गहरी नाराजगी
पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल पत्र लिखनवालों में एक हैं, उन्होंने भी ट्वीट किया कि वे राहुल गांधी के वक्तव्य नाराज हैं !
उन्होंने कहा, मैंने पिछले ३० वर्षाें से भाजपा की ओर से एक भी बयान नहीं दिया है, फिर भी मुझ पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगाया जा रहा है ? तदुपरांत फोन पर राहुल गांधी से उनकी बात हुई ! राहुल गांधी ने कहा, ‘मैंने ऐसा कहा ही नहीं !’
राहुल के स्पष्टीकरण पर सिब्बल ने अपना ट्वीट हटा दिया !