चीन को यदि शब्दों की भाषा समझ में नहीं आती हो, तो उसे शस्त्रों की भाषा में ही समझाना चाहिए । यही नीति उचित है और इस नीति को अपनाना ही देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक है !
नई देहली – लद्दाख में चीनी सेना को पीछे हटाने के लिए विविध स्तरों पर चर्चाएं चल रही हैं; परंतु सेना और राजनीतिक चर्चा निष्फल होती है, तो अंततः सैन्य कार्यवाही के विकल्प पर विचार किया जाएगा । चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जेनरल बिपिन रावत ने यह चेतावनी दी है । एक समाचारवाहिनी के साथ की गई भेंटवार्ता में वे ऐसा बोल रहे थे ।
India has ‘military options’ to deal with Chinese transgressions if talks fail: CDS Rawat
India has 'military options' to deal with Chinese transgressions if talks fail: CDS Rawat
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— ANI Digital (@ani_digital) August 24, 2020
चीनी सेना अभी भी लद्दाख के पेंगाँग तालाब के परिसर में डेरा डाले हुए है । वे फिंगर ५ से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं । ‘सैन्य विकल्प क्या हो सकते हैं ?’, इस प्रश्न पर बात करना रावत ने अस्वीकार कर दिया ।(इस पर वे कुछ बोलें, यह अपेक्षा कैसे की जा सकती है । सेना की किसी भी कार्यवाही की जानकारी कभी उजागर नहीं की जा सकती, इसे प्रसारमाध्यमों को सदैव ध्यान में रखना चाहिए !- संपादक) चीन ने यहां क्षेपणास्त्र, टैंक और लडाकू विमान तैनात किए हैं । उसी प्रकार भारत ने भी यही तैयारी की है । यहां के विवाद का समाधान निकालने हेतु पिछले कुछ सप्ताह से अनेक बार सेना के अधिकारियों की चर्चा हुई है; परंतु अभीतक इसका समाधान नहीं निकला है ।