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नई देहली – पुलिस विभाग के विशेष बल ने यहां के धौला कुआं रिंग रोड परिसर से कट्टर जिहादी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के आतंकी को गिरफ्तार किया । इस आतंकी का नाम अब्दुल युसूफ है और उसके पास से विस्फोटकों का संग्रह नियंत्रण में लिया गया है । विशेष पुलिस बल के उपायुक्त प्रमोद सिंह कुशवाह ने यह जानकारी दी कि इस संदर्भ में गुप्तचर विभाग से सूचना मिली थी । इस सूचना के आधार पर पुलिस बल ने सतर्क होकर इस परिसर में खोज अभियान चलाया, उस समय यह मुठभेड हुई । उसके पश्चात पुलिसकर्मियों को आतंकी अब्दुल को पकडने में सफलता मिली । विशेष पुलिस दल के उपायुक्त प्रमोद सिंह कुशवाहा ने ऐसी जानकारी दी ।
अबू युसूफ उत्तर प्रदेश के बलरामपुर का निवासी है और वह देहली में कुछ सहयोगियों के साथ काम करता है । इस कार्यवाही के पश्चात पुलिस विभाग ने उसके सहयोगियों की खोज आरंभ की है । साथ ही घटनास्थल के परिसर में भी पुलिस प्रशासन की ओर से छापामारी की जा रही है । अबू युसूफ के पकडे जाने से एक बडे आक्रमण का षड्यंत्र नष्ट होने की जानकारी सामने आ रही है । यह बताया जा रहा है कि देहली के कुछ महान व्यक्ति इस आतंकी के लक्ष्य थे ।
Delhi: One ISIS operative arrested with Improvised Explosive Devices (IEDs) by Delhi Police Special Cell, after an exchange of fire near Dhaula Kuan. pic.twitter.com/3twKYsqLQE
— ANI (@ANI) August 22, 2020
श्रीराममंदिर, सीएए और पुलिस की गोलीबारी में मारे गए धर्मांधों की मृत्यु का प्रतिशोध लेने का षड्यंत्र
अफगानिस्तान के प्रमुख द्वारा दिशादर्शन
श्रीराममंदिर भूमिपूजन के १ महीना पश्चात इस्लामिक स्टेट की आतंकी आक्रमण करने की योजना थी । इसके अतिरिक्त नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरुद्ध उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के समय पुलिस की गोलीबारी में मारे गए ४७ मुसलमानों की मृत्यु का प्रतिशोध लेना और इस हिंसा के प्रकरण में सरकार द्वारा मुसलमान आरोपियों से हानि-भरपाई वसूल करना और उनकी संपत्ति को नियंत्रण में लेने जैसे उठाए गए कदमों का भी प्रतिशोध लेने हेतु देहली तथा उत्तर प्रदेश में आक्रमण करने का षड्यंत्र था । आतंकी युसूफ अफगानिस्तान में स्थित उसके प्रमुख लोगों के संपर्क में था और वे निरंतर उसका दिशादर्शन कर रहे थे । गुप्तचर विभागों ने इससे पहले ही सतर्कता की चेतावनी देते हुए कहा है कि आतंकी श्रीराममंदिर के निर्णय का प्रतिशोध लेने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठों को अपना लक्ष्य बना सकते हैं ।
युसूफ सामाजिक माध्यम के द्वारा इस्लामिक स्टेट के संपर्क में
अबू युसूफ सामाजिक माध्यम के द्वारा इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के संपर्क में आया था । वर्ष २०१० में वह काम के लिए सऊदी अरब गया था । पुलिस के कहने के अनुसार अबू युसूफ ने अपनी पत्नी और बच्चों के भी पारपत्र (पासपोर्ट) बनवा लिए थे; क्योंकि उसे निर्देश देनेवाले इस्लामिक स्टेट के अल हिन्दी नामक आतंकी ने उसे उसके परिवार के साथ अफगानिस्तान बुलाने का आश्वासन दिया था; परंतु वहां वह मारा गया । उसके पश्चात अबू को निर्देश देनेवाला दूसरा आतंकी अली हुजैफा पाकिस्तानी था और वह भी अमेरिका की कार्यवाही में मारा गया । तत्पश्चात इस्लामिक स्टेट का खुरासन, प्रांत के नए प्रमुख में नियुक्त आतंकी ने अबू युसूफ को ‘तुम्हें अफगानिस्तान आने की आवश्यकता नहीं है । तुम भारत में रहकर ही संगठन का काम करते रहो’, ऐसा बताया था ।
अबू युसूफ १५ अगस्त को देहली आनेवाला था; परंतु यहां की कडी सुरक्षाव्यवस्था के कारण वह नहीं आ सका । तत्पश्चात ‘सुरक्षाव्यवस्था अब कुछ ढीली हुई है’, ऐसा लगने पर वह देहली आया और पकडा गया । अबू और उसके संपर्क में रहनेवाले आतंकियों पर पिछले १ वर्ष से ध्यान रखा जा रहा था ।