निर्माण व्यावसायी ने संकुल बनाने के लिए मंदिर के साथ हिन्दुओं के २० घर भी गिरा दिए
धर्मांध हो अथवा निर्माण व्यावसायी, हिन्दुओं के मंदिर गिराए जाते हैं और इस संदर्भ में पाकिस्तान की सरकार और भारत के धर्मनिरपेक्षतावादी अपना मुंह नहीं खोलते !
कराची (पाकिस्तान) – यहां के लाइरी क्षेत्र में स्वतंत्रता के पूर्व निर्मित श्री हनुमानजी का मंदिर गिराया गया । मंदिर की मूर्ति गायब कर दी गई है । इसके अतिरिक्त इस मंदिर परिसर में रहनेवाले २० हिन्दुओं के घर भी गिराए गए हैं । यहां एक निर्माण व्यावसायी गृहसंकुल बना रहा है; इसके लिए यह मंदिर गिराया गया । इसके लिए स्थानीय प्रशासन से सहायता ली गई है, हिन्दुओं ने ऐसा आरोप लगाया । पुलिस प्रशासन ने यह संपूर्ण परिसर सील कर दिया है । पुलिस आयुक्त अब्दुल करीम मेनन ने इस प्रकरण का अन्वेषण आरंभ होने की बात बताई है । इस संदर्भ में पाकिस्तान की सरकार ने अभीतक किसी प्रकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है । इस घटना के पश्चात परिसर में तनाव की स्थिति है ।
कराची में आस्था पर हमला: पाकिस्तान में 80 साल पुराना हनुमान मंदिर तोड़ा, 20 हिंदुओं के घर भी जमींदोज; लोकल एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डर के साथ https://t.co/M6XeoKwF3W #Pakistan #Karachi #HanumanTemple @IndiainPakistan @MEAIndia @DrSJaishankar @amnesty @UN @USCIRF
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) August 22, 2020
१. हिन्दू समुदाय के नेता मोहनलाल ने कहा कि इतना कुछ होने पर भी यह निर्माण व्यावसायी हमें यह परिसर छोडने की धमकी दे रहा है और इस पर पुलिस प्रशासन और सरकार भी चुप हैं ।
२. स्थानीय नागरिक हिरालाल ने कहा कि निर्माण व्यावसायी ने हमारे साथ धोखाधडी की है । उसने संकुल बनाते समय मंदिर को किसी प्रकार की हानि न पहुंचाने का आश्वासन दिया था, साथ ही हमें वैकल्पिक अन्य घर भी देने का आश्वासन दिया था ।
३. मंदिर के पुजारी हरसी ने रोते हुए कहा कि उसने पहले हमारे घर को उजाडा और अब मंदिर भी गिरा दिया । मंदिर की श्री हनुमानजी की मूर्ति कहां है, इस संदर्भ में हमें कोई नहीं बता रहा है ।
४. हरेश ने बताया कि यातायात बंदी के कारण किसी को भी मंदिर जाने की अनुमति नहीं थी । इसी का लाभ उठाकर मंदिर गिराया गया । अब इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए ।
बलोच समुदाय की ओर से मंदिर गिराए जाने की निंदा
इस क्षेत्र में रहनेवाले बलोच समुदाय ने मंदिर गिराने की घटना की निंदा की है । बलोच नेता इरशाद बलोच ने कहा कि इस घटना के कारण हम अत्यंत दुखी हैं । हम बचपन से इस मंदिर को देखते आए हैं । यह मंदिर हमारी विरासत का प्रतीक था ।’