गोलाबारी में मारे गए धर्मांध दंगाईयों के प्रति कर्नाटक की कांग्रेस के पूर्व मंत्री जमीर अहमद को हुआ खेद

  • बेंगळुरू का दंगा-प्रकरण

  • मृतक दंगाईयों के परिवारजनों से मिले

  • धर्मांध दंगाईयों के लिए दुख व्यक्त करनेवाले कांग्रेसी नेताओं ने क्या कभी धर्मांधों द्वारा की गई हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याओं के प्रति दुख व्यक्त किया है ?
  • कांग्रेसियों को दंगाईयों से लेकर आतंकियों तक, सभी के प्रति इतनी करुणा क्यों हैं ?
  • धर्मांध दंगाईयों का खुलेआम पक्ष लेनेवाले कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने अपने मंत्रीपद के कार्यकाल में धर्मांधों के समाजविघातक कार्यवाहियों में उनकी सहायता क्या नहीं की होगी ? जनता को लगता है कि सरकार को उनकी भी जांच करनी चाहिए !
जमीर अहमद खान

बेंगळुरू (कर्नाटक) – यहां के धर्मांधों द्वारा किए दंगे में पुलिस प्रशासन की गोलाबारी में ३ धर्मांध दंगाई मारे गए । राज्य के कांग्रेस के पूर्व मंत्री जमीर अहमद खान ने इन मृतक दंगाईयों के घर जाकर उनके परिवारजनों से मिले और कहा ‘मारे गए निर्दाेष थे ।’ उनके परिवार की स्थिति देखकर आंखों में आंसू आ गए । उन्होंने ट्वीट किया कि ‘आग लगानेवाले अलग थे; परंतु अन्य बलि चढ गए ।’

राज्य के भाजपा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने जमीर की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘जमीर दंगे में संलिप्त लोगों के घरवालों से मिले, इससे इस दंगे के पीछे कौन है, यह स्पष्ट हुआ है । दंगे में सम्मिलित लोग निर्दाेष कैसे हो सकते हैं ? यदि कांग्रेस ने यह विचारधारा नहीं छोडी, तो राज्य की जनता कांग्रेस को क्षमा नहीं करेगी ।’’

पुलिसकर्मी यदि गिरफ्तार करने आए, तो अपनी पत्नी-बच्चों को आगे करें ! – दंगाईयों द्वारा भेजे एक-दूसरे को वॉट्स एप संदेश

इस दंगे के प्रकरण में पुलिस प्रशासन की ओर से शोध अभियान तथा गिरफ्तारी अभियान चलाया जा रहा है । अभियान के चलते यह ध्यान में आया है कि यहां के सीसीबी पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा कार्यवाही होते देख धर्मांध अन्य धर्मांध आरोपियों को वॉट्स एप द्वारा छिपे रहने का सुझाव दे रहे हैं । वे अपने साथियों को संदेश भेज रहे हैं कि ‘पुलिस यदि तुम्हें गिरफ्तार करने आती है, तो घर का दरवाजा न खोलें । यदि खोलना ही पडे तो महिलाओं और बच्चों को आगे करे दें और स्वयं छिपे रहें ।