(कहती है) ‘हमारे लिए ५ अगस्‍त ‘काला दिन !’

जम्‍मू-कश्‍मीर की भूतपूर्व मुख्‍यमंत्री मेहबूबा मुफ्‍ती की लडकी का विधान

कलम ३७० हटाने के विरुद्ध सामूहिक संघर्ष करने की आवश्‍यकता होने की फुफकार

भारत में रहकर पाक की भाषा बोलनेवाले जनप्रतिनिधि, तथाकथित विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता आदि को सरकार पाक ही भेज दे !

मेहबूबा मुफ्‍ती एवं  इल्‍तिजा मुफ्‍ती

श्रीनगर – हमारे लिए ५ अगस्‍त ऐतिहासिक दिन नहीं, अपितु ‘काला दिन’ है, विधान जम्‍मू-कश्‍मीर की भूतपूर्व मुख्‍यमंत्री मेहबूबा मुफ्‍ती की लडकी इल्‍तिजा मुफ्‍ती ने ऐसा विधान किया है । ५ अगस्‍त को जम्‍मू-कश्‍मीर राज्‍य को विशेष दर्जा देनेवाली धारा ३७० हटाए हुए १ वर्ष पूर्ण हो रहा है । धारा ३७० हटाने के उपरांत केंद्र सरकार ने मेहबूबा मुफ्‍ती को नजरबंद रखा था । सरकार ने ३१ जुलाई को उनकी नजरबंदी में ३ महीने की वृद्धि की है । इस पृष्‍ठभूमि पर इल्‍तिजा ने उक्‍त विधान किया है ।

इल्‍तिजा मुफ्‍ती आगे बोली, ‘धारा ३७० हटाने के विरुद्ध सामूहिक संघर्ष करने की आवश्‍यकता है । जम्‍मू-कश्‍मीर में भय का वातावरण उत्‍पन्‍न हो रहा है । यहां किसी को भी बोलने की स्‍वतंत्रता नहीं है । सभी लोग कारागृह में हैं । धारा ३७० हटाने से आतंकवाद समाप्‍त नहीं होगा, वसीम बारी की हत्‍या से यह सिद्ध हो गया है ।’