मौलाना अबुल कलाम आजाद और अन्य वामपंथी शिक्षामंत्रियों ने भारतीय इतिहास के साथ छेडछाड की !

सीबीआई के पूर्व प्रमुख एम्. नागेश्‍वर राव का मत

  • इस्लामी आक्रांताआें का रक्तरंजित इतिहास दबा दिया !
  • राव का दावा अयोग्य नहीं है । कांग्रेस और अन्य आधुनिकतावादी विचारधारावाले राज्यकर्ताआें के समय हिन्दुआें को उनके पराक्रम का और उनकी महनीय संस्कृति का इतिहास कभी सिखाया ही नहीं गया । साथ ही इस्लामी आक्रमणों का इतिहास दबाकर अकबर महान था, ऐसा ही सिखाया गया । हिन्दुआें से छत्रपति शिवाजी महाराज, राणाप्रताप आदि का शौर्य छिपाया गया । आज भी कुछ मात्रा में वही स्थिति है, जो हिन्दुआें का दुर्भाग्य है !
  • इतिहास के साथ छेडछाड कर युवा पीढी को दिशाहीन बनानेवालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने हेतु क्या सरकार कदम उठाएगी ?
  • राव जैसे लोकप्रिय अधिकारियों की ओर समाज बडी अपेक्षा से देखता है । अतः यह जानकारी इतने विलंब से सार्वजनिक करने का कारण क्या है, यह भी उन्हें बताना चाहिए !
एम्. नागेश्‍वर राव

नई देहली – केंद्रीय अन्वेषण विभाग (सीबीआई) के पूर्व निदेशक एम्. नागेश्‍वर राव ने सामाजिक माध्यमोंपर की गई पोस्ट में यह जानकारी दी है कि स्वतंत्रता के पश्‍चात के भारत के शिक्षामंत्रियों ने भारत के इतिहास के साथ छेडछाड की । इसके अंतर्गत भारत में हुए इस्लामी आक्रमणों का रक्तरंजित इतिहास हटा दिया गया । स्टोरी ऑफ प्रोजेक्ट अब्राहमाइजेशन ऑफ हिन्दू सिविलाइजेशन (Story of Project Abrahmisation of Hindu Civilization) नाम से श्री. राव ने यह पोस्ट लिखी है ।

 

इस पोस्ट में श्री. नागेश्‍वर राव ने स्वतंत्रता के ३० वर्ष पश्‍चात में कार्यरत शिक्षामंत्रियों की भी आलोचना की है । इसमें उन्होंने मौलाना अबुल कलाम आजाद (शिक्षामंत्री – कार्यकाल – वर्ष १९४७ से १९५८), हुमायूं कबीर, एम्.सी. छागला एवं फखरुद्दीन अली अहमद (१९६३ से १९६७), साथ ही नुरुल हसन (१९७२ से १९७७) के नाम हैं । साथ ही इनके १० वर्ष पश्‍चात भी वी.के.आर.वी. राव जैसे वामपंथी विचारधारावाले शिक्षामंत्री थे । श्री. राव ने दावा किया कि उन्होंने भी इतिहास के साथ छेडछाड की ।

श्री. राव ने आगे कहा है कि क्या हम सत्यमेव जयतेके प्रति प्रामाणिक हैं ? अधिकांशरूप से नहीं ! हमें राजनैतिक शुद्धता के नामपर असत्य पढाया जाता है ।

नागेश्‍वर राव द्वारा रखे गए ६ सूत्र

१. हिन्दुआें को वास्तविक ज्ञान से वंचित रखना

२. हिन्दू धर्म को एक अंधविश्‍वास का संग्रह के रूप में स्थापित करना

३. शिक्षा के माध्यम से दी जानेवाली जानकारी से छेडछाड

४. प्रसारमाध्यम एवं मनोरंजन के माध्यम से हिन्दू धर्म की आलोचना करना

५. हिन्दुआें को उनके हिन्दू होने के प्रति लज्जा प्रतीत हो; ऐसा करना

६. हिन्दू धर्म के अनुसार आचरण करनेपर हिन्दू समाज नष्ट होता है, ऐसा दर्शाना