कर्मचारियों की संख्या में कटौती करनेवाले प्रतिष्ठानों पर उद्योगपति रतन टाटा भडक गए ।
नई देहली – आपके प्रतिष्ठान के कर्मचारियों ने आपके लिए काम किया है । उन्होंने अपना संपूर्ण कार्यकाल आपके लिए काम किया है । आप ऐसे लोगों को उनके हाल पर कैसे छोड सकते हैं ? क्या यही आपकी नैतिकता है ? टाटा समूह के सर्वेसर्वा रतन टाटा ने ‘युवर स्टोरी’से किए गए साक्षात्कार में यह प्रश्न पूछा ।
‘Is that your definition of ethics’: Ratan Tata questions companies that lay off long-serving employees#RatanTata #Covid_19 #CoronavirusPandemic https://t.co/CGv3nRXALW
— India TV (@indiatvnews) July 24, 2020
कोरोना के कारण हुई आर्थिक हानि की पृष्ठभूमिपर अनेक प्रतिष्ठानों द्वारा कर्मचारियों की संख्या में की गई कटौती के विषयपर टाटा ने तीव्र अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए ऐसे प्रतिष्ठानों से उक्त प्रश्न पूछा ।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘जब देश में कोरोना का प्रकोप आरंभ हुआ, तब अनेक प्रतिष्ठानों में कार्यरत सहस्रों श्रमिकों को काम से निकाल दिया गया । आपके व्यवसाय को हानि पहुंची है, ऐसे में कर्मचारियों को नौकरी से निकालना उचित नहीं है । इसके विपरीत उनका दायित्व आपपर ही होता है । संवेदनशीलता रखने से ही आप व्यवसाय में टिके रह सकते हैं ।’’
परिस्थिति का स्वीकार करना एकमेव उपाय है !
कोरोना के संदर्भ में बोलते हुए श्री. टाटा ने कहा कि आपको छिपने का अथवा भागने का कोई अवसर नहीं है । कोराना महामारी के कारण आप जहां जाएंगे, वहां हानि ही होनेवाली है; इसलिए परिस्थिति का स्वीकार करना ही इसका उपाय है । आपको अपनी अनेक आदतों में बदलाव करने पडेंगे ।’