- आय.पी.एस् अधिकारी एवं उपअधीक्षक अंतर्भूत
- फिरौती के रूप में दिए गए ३० लाख रुपए पुलिस अधिकारियों द्वारा हडपे जाने का मृतक के परिवारवालों का आरोप
- उत्तरप्रदेश की कानून-व्यवस्था की भरे चौक में नीलामी होने जैसी यह घटना है ‘ राज्य की कानून-व्यवस्था की दयनीय अवस्था में अब तक थोडा भी सुधार न आना पुलिस प्रशासन के लिए लज्जाजनक है !
कानपुर (उत्तरप्रदेश) – यहां के ‘लैब टेक्निशियन’ संजीत यादव का २२ जून को फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या करने के प्रकरण में ढिलाई बरतनेवाले ११ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है । इन पुलिसकर्मियों में आई.पी.एस्. अपर्णा गुप्ता, उपाधीक्षक मनोज कुमार गुप्ता, निरीक्षक रणजीत राय, हवलदार राजेश एवं योगेंद्र प्रताप सिंह, साथ ही सिपाही अवधेश, दिशु भारती, विनोद कुमार, सौरभ पांडे, मनीष एवं शिवप्रसाद अंतर्भूत हैं ।
इस संदर्भ में विस्तृत समाचार इस प्रकार है –
१. अपहरणकर्ताआें ने संजीत यादव को छोडने के बदले में उनके पिता चमनलाल से ३० लाख रुपए फिरौती की मांग की थी ।
२. १३ जुलाई को उन्होंने पुलिस के कहने पर गुजैनी पुल से अपहरणकर्ताआें के लिए ३० लाख रुपए की नगदी भरी हुई बैग को नीचे फेंका था; परंतु तब भी उनके लडके को छोडा नहीं गया ।
३. उसके पश्चात पुलिस विभाग ने संजीत यादव के कुछ मित्रों से पूछताछ करनेपर उनकी हत्या होने की बात सामने आई ।
४. पुलिस विभाग की जांच में संजीत यादव की हत्या कर उनका शव नदी में फेंके जाने की बात सामने आई; परंतु अभीतक उनका शव नहीं मिला है ।
५. इस प्रकरण में पुलिस विभाग ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है । पुलिस प्रशासन का कहना है कि उन्होंने संजीत की पहले ही हत्या कर, उसके पश्चात फिरौती मांगी थी ।
पुलिस प्रशासन की ढिलाई
१. अपहरणकर्ताआें ने संजीत यादव के परिवारजनों से २६ बार दूरभाष कर संपर्क किया था और उन्होंने ३० मिनट से अधिक समय तक बातें की; परंतु तब भी पुलिस प्रशासन अपहरणकर्ताआें का ठिकाना खोज नहीं सका ।
२. जिस स्थान से संजीत यादव का अपहरण किया गया, वहां के सीसीटीवी की जांच पुलिस प्रशासन ने महीनेभर में भी नहीं की ।
३. पुलिस विभाग के कहनेपर संजीत यादव के पिता ने पुल से रुपयों से भरा बैग फेंका, तब भी पुलिसकर्मियों ने अपहरणकर्ताआें को नहीं पकडा और न ही वे उस बैग को वापस ला सके । संजीत यादव के परिवारवालोेंं ने आरोप लगाया है कि वे ३० लाख रुपए भी पुलिस ने ही हडप लिए हैं ।