- बंगाल की ममता बनर्जी के अत्यधिक हिन्दूद्वेष के कारण उन्होंने राज्य की संपत्ति अल्पसंख्यकों पर लुटा दी है, जिससे बंगाल कंगाल हो गया है ! अब हिन्दू जागरूक हो गए हैं, इसलिए बनर्जी को सत्ता जाने का भय सता रहा है, इसलिए वह ऐसे प्रलोभन दे रही हैं । यदि वास्तव में उन्होंने जनता के लिए काम किए होते, तो उन्हें मतों की भीख नहीं मांगनी पडती !
- अवास्तविक प्रलोभन देकर जनता को भ्रमित करनेवालों को कारागृह में डालने का कानून बनना चाहिए, तभी ऐसे झूठे आश्वासनों पर रोक लगेगी और जनता को ठगना रुकेगा !
कोलकाता – बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक ऑनलाइन सभा में मतदाताआें को प्रलोभन दिया है कि यदि तृणमूल कांग्रेस पुनः सत्ता में आती है, तो गरीबों को जीवनभर निःशुल्क अनाज उपलब्ध करवाया जाएगा । राज्य में वर्ष २०२१ में विधानसभा के चुनाव होनेवाले हैं तथा उस पृष्ठभूमि पर बनर्जी ने यह सभा ली है ।
वह आगे बोलीं, हम संचार बंदी के पहले से ही निःशुल्क अनाज उपलब्ध करवा रहे थे । १० करोड लोगों को निःशुल्क अनाज दिया जा रहा है । देहली से हमारे साथ जो व्यवहार हुआ है, निश्चित ही उसका प्रतिशोध लिया जाएगा । (इतने ऊंचे सिरे के द्वेष की राजनीति करनेवाले व्यक्ति सत्ता में आने पर जनता से कैसा व्यवहार करेंगे, इसका विचार न करना ही अच्छा है ! – संपादक) बाहर के किसी भी व्यक्ति को बंगाल पर राज्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी । हम जानते हैं कि पुनः कैसे खडा होना है । तृणमूल कांग्रेस को कोई भी दुर्बल न समझे । हम नागरिकता सुधार अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण नहीं भूले हैं । देश का नागरिक कौन है ?, यह निश्चित करने का अधिकार राज्यों को है । (जिस ममता (बानो) सरकार को देश के अन्य राज्यों के लोग बाहर के लगते हैं; परंतु बांग्लादेशी घुसपैठिए अपने लगते हैं, वह तो राष्ट्र के साथ घात है ! ऐसे नेता भारत में पैदा होना दुर्भाग्य है ! – संपादक) इस पर नियम बनाकर लोगों को पीडित करने का अधिकार केंद्र को नहीं है । वे लोग केवल झूठ बोलते हैं और सामान्य लोगों में हिंसा करवाते हैं ।(बंगाल में बम विस्फोट, दंगे, हिन्दुआें की हत्याएं करवाकर कौन हिंसा कर रहा है, ममता बनर्जी यह क्यों नहीं बतातीं ? – संपादक)