अभी तक हिन्दुआें की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले सैकडों चलचित्र प्रदर्शित हुए हैं । इस संबंध में क्या कभी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताआें ने प्रतिबंध लगाने की मांग की है ? कि उन्हें केवल मुसलमानों की ही धार्मिक भावनाएं प्रिय हैं ? हिन्दुआें की धार्मिक भावनाआें के विरुद्ध अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम से गले फाडनेवाले अब कहां हैं ? क्या इसे ही देश की धर्मनिरपेक्षता कहेंगे ?
मुंबई – ‘डॉन सिनेमा’ द्वारा ‘ऑनलाइन’ डिजिटल माध्यमों से प्रसारित होनेवाले ‘मोहम्मद द मेसेंजर ऑफ गॉड’ चलचित्र के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने की मांग महाराष्ट्र के गृहमंत्री तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता अनिल देशमुख ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय से की है । ‘इस चलचित्र के कारण मुसलमान समाज की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी और कानून और व्यवस्था का प्रश्न उत्पन्न होगा’, ऐसा पत्र रजा अकादमी द्वारा गृहमंत्री को दिया गया है । इस पर गृहमंत्री ने केंद्रशासन से इस चलचित्र पर प्रतिबंध लगाने के लिए पत्र भेजा है ।(रजा अकादमी के समान ही यदि किसी हिन्दू नेता ने किसी चलचित्र से हिन्दुआें की धार्मिक भावनाएं आहत कर कानून और सुव्यवस्था का प्रश्न उत्पन्न होने का पत्र गृहमंत्री को दिया होता, तो क्या गृहमंत्री ने उस पत्र पर त्वरित ध्यान दिया होता ? इसके विपरीत हिन्दू नेता को ही कानूनी कार्रवाई का नोटिस भेज दिया होता । अभी तक हिन्दू नेता और संगठनों ने सरकार को दिए हुए अनेक पत्रों को सरकार ने कचरे की टोकरी में फेंक दिया है तथा हिन्दू देवता और राष्ट्रपुरुषों का चलचित्र, नाटक और विज्ञापनों के माध्यम से खुलकर अनादर किया गया है, यह सत्य है । इसकी अनदेखी करनेवालों को समय पर ही फटकारना चाहिए ! – संपादक)
Maharashtra Home Dept writes to Central govt with a request to stop screening of the film “Muhammad: The Messenger of God” which is scheduled to be released on digital platform on July 21. The request has been made after receiving a complaint from Raza Academy,a Mumbai based org. pic.twitter.com/O6nRKjYwYo
— ANI (@ANI) July 15, 2020
इस्लाम के संस्थापक मोहम्मद पैगंबर के जीवन पर यह चलचित्र है तथा ईरान के निर्देशक माजिद मजीदी ने इस चलचित्र का निर्देशन किया है । २१ जुलाई को यह चलचित्र प्रदर्शित होनेवाला है । यह चलचित्र हिन्दी भाषा में भाषांतरित कर भारत में भी प्रदर्शित किया जानेवाला है; परंतु कुछ मुसलमान संगठनों द्वारा इस चलचित्र का विरोध किया जा रहा है । इस संबंध में रजा अकादमी ने चेतावनी दी है कि ‘इस चलचित्र में मोहम्मद पैंगबर की प्रतिमा मलिन करने का प्रयत्न किया गया है, इसका मुसलमान संगठन विरोध करेंगे ।’
इस संबंध में ‘डॉन सिनेमा’ मे मालिक महमूद अली बोले, ‘‘इस विषय पर इससे पूर्व भी चलचित्र बने हैं तथा वे संपूर्ण संसार में दिखाए गए हैं । उनकी प्रशंसा भी हुई है । तब केवल इसी चलचित्र का विरोध करने का क्या कारण है ? मैंने अकादमीवालों से कहा है कि, पहले आप यह चलचित्र देखें । उसमें कुछ आपत्तिजनक हो, तो यह चलचित्र मैं प्रदर्शित नहीं करूंगा ।’ लोकतांत्रिक देश की न्यायव्यवस्था पर मेरा पूर्ण विश्वास है । मुझे न्याय मिलेगा, इसका विश्वास है ।’’
गृहमंत्री के समान मुख्यमंत्री भी क्या रजा अकादमी का समर्थन करते हैं ? – भाजपा
‘मुंबई में आजाद मैदान में हुडदंग कर महिला पुलिसकर्मियों पर आक्रमण करनेवाले रजा अकादमी की मांग का समर्थन करते हुए गृहमंत्री अनिल देशमुख ने ‘मोहम्मद द मेसेंजर ऑफ गॉड’ इस चलचित्र पर प्रतिबंध लगाने की मांग केंद्र शासन से की है । शिवसेना दल के प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी गृहमंत्री के समान ही क्या रजा अकादमी का समर्थन करते हैं ?’, ऐसा प्रश्न भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने एक प्रसिद्धिपत्रक द्वारा किया है ।
इसमें केशव उपाध्ये ने कहा है कि, ‘रजा अकादमी के मोर्चे द्वारा मुंबई में की गई हिंसा, पुलिस पर किए हुए अत्याचार का स्मरण अभी तक ताजा है । ऐसी रजा अकादमी की मांग को तत्काल पूर्ण करनेवाले गृहमंत्री ने इसी तत्परता से करोडों हिन्दुआें के श्रद्धास्रोत श्री विठ्ठल भगवान की आषाढी यात्रा की ओर ध्यान नहीं दिया । इससे स्पष्ट होता है कि सत्तारूढ नेतृत्व को विशिष्ट धर्मियों की चापलूसी करनी है ।’