|
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – सजा पूरी होने के बावजूद रिहा नहीं किए गए बाबू नामक भारतीय मछुआरे की २३ जनवरी को पाकिस्तान के कारागृह में मौत हो गई । बाबू को वर्ष २०२२ में बंदी बनाया गया था । पिछले २ वर्षों में पाकिस्तानी कारागृहो में ८ भारतीय मछुआरों की मौत हो चुकी है, जबकि अपनी सजा पूरी कर चुके १८० भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी कारागृह से रिहाई का इंतजार कर रहे हैं । भारत लगातार इस मुद्दे को पाकिस्तान के समक्ष उठाता रहा है; हालांकि, पाकिस्तान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है । (यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान कभी भी भारत की सहायता नहीं करेगा, अपितु केवल परेशानियां ही पैदा करेगा ! – संपादक)
दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुच्छेद ५ के अनुसार दोनों देशों की सरकारों को कैदियों को उनकी सजा पूरी होने के एक महीने के भीतर रिहा करना होगा और उन्हें उनके देशों में वापस भेजना होगा; हालांकि, पाकिस्तान ने कई बार इस समझौते को तोड़ा है । (पाकिस्तान द्वारा किए गए समझौते तोड़ने के लिए ही होते हैं और भारत मूर्खों की तरह उनका पालन करता है ! – संपादक)
संपादकीय भूमिकायदि ऐसी स्थिति में भारत की जगह इजरायल होता तो यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि पाकिस्तान का क्या होता ! इस घटना से पता चलता है कि भारत ने इजराइल से कुछ नहीं सीखा है ! यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र को अपरिहार्य बनाती है ! |