वर्तमान महिलाओं ने अंतर्मुख होना आवश्यक !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

‘कहां पती के साथ थोडा विवाद होने पर विवाह विच्छेद करनेवाली वर्तमान पत्नियां, तो कहां पती के निधन के उपरांत उसके साथ एकरूप होने के कारण जोहार करनेवाली, अर्थात देह अग्नि में समर्पण करनेवाली पद्मावती रानी एवं उसके साथ की १६ सहस्र राजपूत स्त्रियां !’

✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक