भगवान की पूजा-अर्चना आदि उपासना करें !

पूजाघर में यदि पूजा संपन्न हुई हो, तो स्नान उपरांत प्रथम पूजाघर के सामने खडे होकर भगवान को हलदी-कुमकुम एवं पुष्प अर्पित करें । भगवान को उदबत्ती (अगरबत्ती) दिखाएं । यदि पूजा न हुई हो, तो बडों की अनुमति लेकर स्वयं पूजा करें ।

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की सनातन धर्म परिषद, देहली के कार्यकारी अध्यक्ष श्री. भूषण लाल पराशरजी से सस्नेह भेंट !

श्री. पराशरजी ने कहा ‘हम सनातन के ग्रंथ देहली के प्रमुख मंदिरों में रखने का प्रयास करेंगे ।’

महिलाएं धर्मपरंपराओं का कठोर पालन करें !

आज संस्कार एवं संस्कृति मृतप्राय: हो गई है । घर में सभी सुविधाएं होते हुए भी वहां संतुष्टि नहीं है । घर की स्त्री द्वारा धर्माचरण न करने से ऐसी घटनाएं हो रही हैं ।

शारदीय नवरात्रि का शास्त्र और उस समय किए जानेवाले धार्मिक आचार !

पूरे भारत में अत्यंत उत्साह एवं भक्तिमय वातावरण में नवरात्रि के व्रत का पालन किया जाता है । नवरात्रि की अवधि में घटस्थापना, मालाबंधन, अखंडदीप, सप्तशतीपाठ, गागर (घडा) फूंकना, डांडिया खेलना आदि कृत्य देवी के व्रत के ही विविध अंग हैं ।

पितृपक्ष विशेष – सनातन संस्था के, ‘श्रद्धाविधि’, इस Mobile App का लाभ लें !

कोरोना महामारी के कारण लोगों को श्राद्ध करने में कठीनारई हो रही है । ऐसे समय में सनातन संस्था ने श्राद्ध संबंधी जानकारी देनेवाले ‘श्राद्धविधि । Shraddha Rituals (Pitru Paksha)’ एंड्राइड एप डाउनलोड कर उपयोग करने का आवाहन किया है ।

पितृपक्ष में श्राद्ध !

हिन्दू धर्मशास्त्र में बताए गए ईश्वरप्राप्ति के मूलभूत सिद्धांतों में से एक है ‘देवऋण, ऋषिऋण, पितृऋण एवं समाजऋण, ये चार ऋण चुकाना’ । इनमें से पितृऋण चुकाने हेतु ‘श्राद्ध’ करना आवश्यक है ।

अतृप्त पूर्वजों से कष्ट के कारण तथा उसका स्वरूप एवं उपाय

वर्तमान काल में पूर्व की भांति कोई श्राद्ध पक्ष इत्यादि नहीं करता और न ही साधना करता है । इसलिए अधिकतर सभी को पितृदोष (पूर्वजों की अतृप्ति के कारण कष्ट) होता है ।

हिन्दू धर्म में छोटे बच्चों का श्राद्धकर्म न करने के कारण

छोटे बच्चों की मृत्यु के पश्चात उनके श्राद्धकर्म के समय पिंडदान के पश्चात उन्हें केवल मंत्रपूर्वक अन्न का निवाला ही दिया जाता है, जिसे ‘प्रकीर’ कहा जाता है । इस जन्म में ऐसे छोटे जीव के मन पर किसी भी प्रकार के संस्कार न होने से ईश्वर द्वारा उस जीव के लिए यह व्यवस्था की गई है ।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी निमित्त हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा उत्तर भारत में आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष उपक्रमों को जिज्ञासुओं का उत्स्फूर्त प्रतिसाद

प्रतिदिन संपन्न हुए इस कार्यक्रम में दैनिक जीवन में श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार किस प्रकार आचरण करें ?, भगवान श्रीकृष्ण की उपासना और पूजन का शास्त्र, भगवान श्रीकृष्ण पर किए जानेवाले आरोप और उनका खंडन इत्यादि विषयों पर शास्त्रीय जानकारी दी गई ।