‘काशी विश्वनाथ कॉरिडोर’ के दर्शन के समय आए अनुभव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहल करने से ‘काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर’की निर्मिति हो गई । इससे काशी विश्वनाथ मंदिर से श्रद्धालु सीधे गंगादर्शन के लिए जा सकते हैं ।

चीन, जापान और ताइवान के मध्य व्याप्त शत्रुता तथा राष्ट्रहित संजोनेवाली भारत की भूमिका !

१. चीन द्वारा ताइवान पर दागे गए ११ क्षेपणास्त्रों में से ५ क्षेपणास्त्रों का जापान की सीमा में गिरना तथा उसकी कारणमीमांसा !

राष्ट्रभाषा ‘हिन्दी’ की विशेषताएं, परम कर्तव्य एवं महत्त्व

‘राष्ट्रभाषा की धारणा धर्म के सात्त्विक नीतिमूल्यों पर आधारित है । हिन्दी भाषा में किए जानेवाले व्यवहार रजोगुणी तरंगों से संबंधित हैं ।

राष्ट्रभाषा ‘हिन्दी’ की दुर्दशा रोकें !

हिन्दी भाषा का मूल संबंध हिन्दू धर्म से होने से उसके विकृतीकरण हेतु हिन्दूद्वेषियों सहित विश्व के सभी घटकों का कार्यान्वित होना : हिन्दी भाषा का अर्थ ‘हिन्दू’ शब्द से जुडा है । इसलिए उसमें सात्त्विकता है

राष्ट्रभाषा को बचाएं एवं राष्ट्रीय एकता बनाए रखें !

‘सनातन हिन्दू संस्कृति का उपदेश है कि गांव के लिए परिवार को त्यागना, जनपद के लिए गांव को त्यागना, राज्य के लिए जनपद को त्यागना एवं राष्ट्रके लिए राज्य को त्यागना आवश्यक है ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का ‘हिन्दू राष्ट्र दर्शन’

आज के समय में यूरोप का भाषिक राष्ट्रवाद, अफ्रीका-ऑस्ट्रेलिया का भौमिक (भौगोलिक) राष्ट्रवाद, पूर्व के एशियाई देशों का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद तथा अमेरिका उपमहाद्वीप के नागरिक को केंद्रबिंदु बनाकर निर्मित ‘नागरिक राष्ट्रवाद’ की तुलना कर ‘भारतीय राष्ट्रवाद’ विशद करने का दयनीय प्रयास किया जाता है ।

ऋषि पंचमी

‘जिन ऋषियों ने अपने तपोबल से विश्व-मानव पर अनंत उपकार किए हैं, मनुष्य के जीवन को उचित दिशा दी है, उन ऋषियों का इस दिन स्मरण किया जाता है ।’

ज्येष्ठा गौरी

असुरों द्वारा पीडित सभी स्त्रियां श्री महालक्ष्मी गौरी की शरण में गईं एवं उन्होंने अपने अक्षुण्ण सौभाग्य हेतु प्रार्थना की ।

पूर्वजों के कष्ट दूर होने हेतु पितृपक्ष में नामजप और श्राद्धविधि करें !

‘आजकल अनेक साधकों को अनिष्ट शक्तियों के कष्ट हो रहे हैं । पितृपक्ष के काल में (१० से २४ सितंबर २०२२ की अवधि में) इन कष्टों में वृद्धि होने से इस कालावधि में प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ ॐ’ नामजप करें ।

शास्त्रानुसार गणेशोत्सव कैसे मनाएं ?

भगवान श्री गणेश सर्व हिंदुओंके आराध्य देवता हैं । इसके साथ ही भगवान गणेश बुद्धीके देवता भी हैं । गणपति सभीको आनंद देनेवाले देवता हैं ।