रज-तम का प्रदूषण सभी प्रदूषणों की जड है !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

‘ध्वनिप्रदूषण, जलप्रदूषण, वायुप्रदूषण आदि से संबंधित सदैव समाचार आते हैं; परंतु धर्म शिक्षा के अभाव में उनकी जड रज-तम के प्रदूषण की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता !’

✍ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक

👉 ʻसनातन प्रभातʼ में प्रकाशित साधनासंबंधी लेख पढने हेतु क्लिक करें :